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भोपाल में दिखी सेल्फ ड्राइविंग महिंद्रा बोलेरो? आनंद महिंद्रा हुए प्रभावित

आनंद महिंद्रा ने हाल ही में एक वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है, जिसमें एक ऑटोनेमेस महिंद्रा बोलेरो को देखा जा सकता है, जिसने महिंद्रा को बेहद प्रभावित किया है.
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द्वारा ऋषभ परमार

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2 मिनट पढ़े

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प्रकाशित अप्रैल 2, 2024

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हाइलाइट्स

  • ऑटोनेमेस महिंद्रा बोलेरो को भोपाल की भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर देखा गया है
  • आनंद महिंद्रा ने लेवल 5 ऑटोनेमस तकनीक पर काम कर रहे भारतीय इंजीनियर की जमकर तारीफ की
  • आनंद महिंद्रा अक्सर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर नई प्रतिभाओं को सराहते नज़र आते हैं.

जानें-मानें उद्योगपति आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं और अक्सर उन्हें कई मु्द्दों पर बेबाक तरीके से अपनी राए रखते हुए देखा जाता है, खासतौर पर महिंद्रा देश की प्रतिभाओं को सराहना कभी नहीं भूलते. हाल ही में  भोपाल में रहने वाले पूर्व IIT छात्र संजीव शर्मा, जो कि कई सालों से सेल्फ-ड्राइविंग कारों पर आरएंडडी कर रहे हैं, का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उनके द्वारा बनाई गई एक सेल्फ ड्राइविंग महिंद्रा बोलेरो भोपाल के भीड़-भाड़ वाले इलाके में चलती नज़र आ रही है, जिसे देख आनंद महिंद्रा ने अपने X अकाउंट (पूर्व में ट्विटर) पर उनकी जमकर तारीफ की है

 

Evidence of tech innovation rising across India. 

An engineer who’s not building yet another delivery app. @sanjeevs_iitr is using complex math to target level 5 autonomy. 

I’m cheering loudly. 👏🏽👏🏽👏🏽

And certainly won’t debate his choice of car! pic.twitter.com/luyJXAkQap

— anand mahindra (@anandmahindra) April 2, 2024

 

आनंद महिंद्रा ने लिखा, " यह पूरे भारत में तकनीकी और इनोवेशन के बढ़ने का सुबूत है. संजीव शर्मा एक इंजीनियर जो कोई अन्य डिलेवरी ऐप नहीं बना रहे हैं. लेवल 5 ऑटोनेमेस ड्राइविंग को लक्षित करने के लिए शानदार गणित का उपयोग कर रहे हैं. मैं उनके इस कार्य के लिए उनकी जमकर प्रशंसा करता हूं. और इसके लिए उन्हें किसा कार को चुना है इस पर कोई डिबेट नहीं होनी चाहिये"

 

यह भी पढ़ें: ऑटो बिक्री मार्च 2024: महिंद्रा यात्री वाहन की बिक्री सालाना आधार पर 13% बढ़कर 40,631 वाहनों के पार पहुंची 

 

गौरतलब है कि संजीव शर्मा ने हाल ही में ANI को दिये एक इंटरव्यू में बताया था कि, उन्होंने अपनी यात्रा 2009 में शुरू की जब उन्हें ऐसी ऑटोनेमस तकनीक विकसित करने की प्रेरणा मिली. उन्होंने कहा “मेरा शुरूआत में ध्यान सिर्फ रिसर्च पर था, डिसीजन मेकिंग, मोशन प्लानिंग था, रिसर्च एरिया की स्थापना 2011 में हुई थी और बी.टेक करने के बाद, मैं इज़राइल में था. जहां मोशन प्लानिंग डिसीजन मेकिंग सॉफ्टवेयर को इस तरह से विकसित किया जा रहा था कि मोबाइल रोबोट बहुत तनावपूर्ण ट्रैफिक में भी बहुत तेज गति से चल सके. मैं 2012 से 2014 तक कनाडा में था और फिर भारत वापस आ गया. अपना स्टार्टअप शुरू किया. इस तरह हमारी यात्रा शुरू हुई है.” संजीव के मुताबिक, यह तकनीक वैश्विक है और 2030 तक इसका बाजार 10 ट्रिलियन डॉलर का होगा और उन्हें लगता है कि उस समय तक केवल चार से पांच कंपनियां ही बचेंगी जो ऑटोनेमेस बाजार में ला रही होंगी.

 

संजीव शर्मा के मुताबिक यह एक वैश्विक तकनीक है, जिसे 2030 तक वह 10 ट्रिलियन की इकॉनमी बनाना चाहते हैं. 
 

फोटो सूत्र:

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