बेंटले कॉन्टिनेंटल GT को मॉडिफाय कर बनाया लग्ज़री टैंक, जानें किसका है कारनामा
हाइलाइट्स
क्या आपने कभी एक लग्ज़री टैंक चलाने की कल्पना की है? रूस के कुछ लोगों को यह आईडिया अच्छा लगा कि लग्ज़री की दुनिया को टैंक में उपलब्ध कराया जाना चाहिए. इस आईडिया को यथार्थ में बदलने के लिए इन लोगों ने शानदा लग्ज़री कार बेंटले कॉन्टिनेंटल जीटी का उपयोग किया है जिसके लिए उन्होंने बाज़ार में उपलब्ध सबसे सस्ती बेंटले खरीदी है. इसे बनाने के लिए कार के इंजन के काम करने के साथ ही इसके टायर्स की जगह हेवी ड्यूटी ट्रक के व्हील का कस्टमाइज़ सैट लगाया है. ऐकेडमीजी के सदस्यों ने कार के इंजन, ड्राइवट्रेन और फ्रेम में बदलाव किए हैं. बेंटले कॉन्टिनेंटल जीटी के इंजन की जगह टोयोटा का 4.3-लीटर वी8 इंजन लगाया गया है जो क्राउन मजेस्टा, सेल्सिअर और लैक्सस की कई दमदार कारों में दिया गया है.
इस लग्ज़री टैंक को बनाने में इन लागों को 9 महीने का समय लगा और इसे अल्ट्राटैंक का नाम दिया गया है, इसे चलाने की सबसे उत्तम जगह रूस के जंगलों में है. इस कार में लगे टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से रियर ऐक्सेल तक ताकत पहुंचती है और इसी से ये भारी वाहन आगे बढ़ता है. ऐकेडमीजी के लोगों ने बताया कि यह प्रारूप और कार दोनों सही तरीके से किसी भी रास्ते पर काम कर रहे हैं, लेकिन दसका इंजन सही तरीके से काम नहीं कर रहा और इसे समय-समय पर कार रोककर जांचना पड़ता है.
ये भी पढ़ें : हार्ले-डेविडसन ने की इंटर्नशिप प्रोग्राम के विजेताओं की घोषणा, जानें क्या करेंगे अंतिम 4
ऐकेडमीजी के लोगों ने आगे बताया कि व्हील्स पर रबर के उभरे हुए हिस्सों की ज़रूरत है क्योंकि कठोर रास्ता और ढलान साथ आने पर यह आगे सरकने लगता है. बहरहाल, इन सब कमियों के बावजूद यह एक बेहतर लग्ज़री टैंक है जो काफी आकर्षक दिखता है. वैसे भी आपने आजतक कितनी बार बेंटले कॉन्टिनेंटल जीटी को लग्ज़री टैंक में बदलते देखा है? हां अभी इस वाहन में बहुत सी ऐसी कमियां हैं जिन्हें दूर किया जाना आवश्यक है, और हां, इस मॉडिफिकेशन के बाद ये कार रोड लीगल नहीं रह जाती.
पुरानी कारों पर शानदार डील
सभी यूज़्ड कार देखें- 12,000 km
- डीज़ल
- आटोमेटिक
- 65,000 km
- डीज़ल
- मैन्युअल
- 46,324 km
- पेट्रोल
- एएमटी
- 77,700 km
- डीज़ल
- मैन्युअल
- 88,000 km
- डीज़ल
- आटोमेटिक
- 72,000 km
- डीज़ल
- आटोमेटिक
- 24,110 km
- डीज़ल
- आटोमेटिक