सिट्रॉएन बसॉल्ट ने लैटिन एनकैप क्रैश टेस्ट में किया बेहद निराश, मिली 0 स्टार सुरक्षा रेटिंग
हाइलाइट्स
- एडल्ट यात्री सुरक्षा में 39.37% और बच्चों की सुरक्षा में 58.35% अंक मिले
- टैस्टिंग मॉडल में मानक रूप से 4 एयरबैग और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC) उपलब्ध था
- साइड एयरबैग की कमी के कारण साइड पोल इम्पैक्ट टैस्ट नहीं किया गया
लैटिन एनकैप के नयो परिणाम में, ब्राज़ीलियाई-स्पेक सिट्रॉएन बसॉल्ट को 0 स्टार मिले हैं. भारत-स्पेक बसॉल्ट के समान प्लेटफ़ॉर्म पर आधारित, इस टैस्टिंग कार में मानक रूप से 4 एयरबैग और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ईएससी) लगे थे, लेकिन साइड एयरबैग की कमी के कारण इसे साइड पोल इम्पैक्ट टेस्ट से नहीं गुजरना पड़ा, जिससे इस सेगमेंट में इसे स्वतः 0 स्टार मिले. इससे यह भी साबित होता है कि भारत एनकैप की तुलना में लैटिन एनकैप टैस्ट कितना कठोर है, जहाँ भारत-स्पेक मॉडल को चार स्टार मिले थे.
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दुर्घटना रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा ने सिर और गर्दन की अच्छी सुरक्षा प्रदान की, जबकि चालक की छाती की सुरक्षा सीमित थी, और प्रीटेंशनर के कमज़ोर प्रदर्शन के कारण यात्री की छाती की सुरक्षा कमज़ोर रही. फुटवेल क्षेत्र को स्थिर माना गया. बॉडीशेल को अस्थिर माना गया, और यह आगे का भार सहन करने में सक्षम नहीं है. अच्छी बात यह है कि आगे के यात्रियों के सिर, पेट, छाती और एब्डॉमेन की सुरक्षा अच्छी रही. व्हिपलैश की बात करें तो, सीट ने गर्दन को सीमित सुरक्षा प्रदान की.
कुल मिलाकर, ब्राज़ील में बनी बसॉल्ट ने एडल्ट यात्री सुरक्षा में 39.37%, चाइल्ड यात्री सुरक्षा में 58.35%, पैदल यात्री सुरक्षा में 53.38% और सुरक्षा सहायता में 34.88% अंक हासिल किए. इसकी तुलना में, भारत में बनी सिट्रॉएन बसॉल्ट ने एडल्ट यात्री सुरक्षा में 32 में से 26.19 अंक और चाइल्ड यात्री सुरक्षा में 49 में से 35.90 अंक हासिल किए और सिर और गर्दन की अच्छी सुरक्षा दी, जबकि छाती और जांघों की सुरक्षा मामूली रही. साइड इम्पैक्ट टेस्ट में भी इसे 16 में से 16 अंक मिले.
स्टेलेंटिस के खराब स्कोर की आलोचना करते हुए, लैटिन एनकैप के महासचिव एलेजांद्रो फुरास ने कहा, “सिट्रॉएन बसॉल्ट के इस परिणाम से यह स्पष्ट है कि स्टेलेंटिस के लिए लैटिन अमेरिकियों की ज़िंदगी भारतीयों की ज़िंदगी जितनी मायने नहीं रखती.” बसॉल्ट का कम सुरक्षा परिणाम केवल इसलिए सामने आया क्योंकि लैटिन एनकैप ने अपने स्वयं के धन से इसकी टैस्टिंग करने का निर्णय लिया.












































