ह्यूंदैई मोटर ने पेश की दुनिया की पहली CVVD इंजन तकनीक, मिलेगा बेहतर माइलेज
हाइलाइट्स
ह्यूंदैई मोटर ग्रुप ने दुनिया की पहली कंटिन्युअस्ली वेरिएबल वॉल्व ड्यूरेशन (CVVD) तकनीक डेवेलप की है जिसे ह्यूंदैई और किआ लाइन-अप के साथ पेश किया जाएगा. यह खोज ह्यूंदैई मोटस के स्टूडियो गोयांग में की गई है जहां इस तकनीक से लैस पहला स्मार्टस्ट्रीम G1.6 T-GDI इंजन भी बनाया गया है. कंपनी के अनुसार इस इंजन को परफॉर्मेंस और फ्यूल एफिशिएंसी दोनों के लिए तैयार किया गया है और यह ईको-फ्रेंडली भी होगा. ड्राइविंग कंडिशन के हिसाब से यह तकनीक वॉल्व के खुलने और बंद होने की अवधि को रेगुलेट करती है. इस तकनीक की सहायता से इंजन का परफॉर्मेंस 4% और फ्यूल एफिशिएंसी 5% बढ़ती है, इसके अलावा यह तकनीक कार के एमिशन को 12% तक कम कर देती है.
CVVD तकनीक से लैस पहला इंजन स्मार्टस्ट्रीम G1.6 T-GDI पेट्रोल होगा जो 180 bhp पावर और 265 Nm पीक टॉर्क जनरेट करता है. हम सबसे पहले इस इंजन को आगामी ह्यूंदैई सोनाटा टर्बो में देखेंगे जिसका ग्लोबल डेब्यू 2019 के दूसरे हाफ में होगा, इसके बाद इस इंजन को ह्यूंदैई और किआ कारों में पेश किया जाएगा. G1.6 T-GDi इंजन के साथ बेहतर फ्यूल एफिशिएंसी के लिए लो-प्रेशर एग्ज़्हॉस्ट गैस रिसर्कुलेशन दिया गया है जो जली हुई एमिशन गैस को इंटेक सिस्टम की जगह टर्बोचार्ज्ड कंप्रेसर के अगले हिस्से में भेजता है जिससे भार ज़्यादा होने पर भी यह एफिशिएंसी को बढ़ाता है.
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इसके अलावा ह्यूंदैई ने इस नई तकनीक के अंतर्गत इंटीग्रेटेड थर्मल मैनेजमेंट सिस्टम दिया है जिससे कार को सामान्य टेंपरेचर में रखने के लिए तेज़ी से इंजन को ठंडा और गर्म करता है, इसके अलावा मजबूत डायरेक्ट स्प्रे सिस्टम दिया गया है जो T-GDi इंजन के 250bar के मुकाबले 350bar तक पहुंचता है. नए इंजन में कंपन्न पैदा करने वाले कम पुर्ज़े लगाए गए हैं जिससे इसका प्रिक्शन 34% तक कम हो गया है. इंजन में इस तकनीक के इस्तेमाल से वाहन के परफॉर्मेंस और फ्यूल एफिशिएंसी में इज़ाफा होगा.