अब आपकी कार बता सकेगी, कहीं आपको हार्ट अटैक तो नहीं आ रहा !
रिसर्चर्स ऐसा सिस्टम क्रिएट कर रहे हैं जो ड्राइविंग के दौरान आपके दिल की स्थिति को मॉनीटर करेगा. साइंटिस्ट और टोयोटा साथ मिलकर इस सिस्टम पर काम कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में हार्ट अटैक की जानकारी सही समय पर मिल जाए.
हाइलाइट्स
- कार चला रहे ड्राइवर के सीने से चिपकी डिवाइस बताएगी दिल की स्थिति
- इस तकनीक के इस्तेमाल से हर साल बचाई जा सकेंगी हज़ारों ज़िंदगियां
- ड्राइवर की ईसीजी और बाकी मेडिकल कंडिशन पर काम करेगा ये सिस्टम
हार्ट अटैक के दौरान कुछ ही मिनटों में या तो इंसान मर जाता है या सही समय पर सही इलाज मिल जाए तो जीवन बच जाता है. ऐसे में अगर हार्ट अटैक ड्राइविंग के दौरान आ जाए तो एक नहीं कई ज़िंदगियां खतरे में पड़ जाती हैं. इस समस्या से निपटने के लिए रिसर्चर्स एक ऐसा सिस्टम तैयार कर रहे हैं जिसमें आपकी कार आपको ये बता देगी कि कहीं आपको हार्ट अटैक तो नहीं आ रहा! यूएस की मिशिगन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर और जापान की ऑटोमेकर कंपनी टोयोटा दोनों मिलकर इस रिसर्च पर काम कर रहे हैं.
ये रिसर्च टोयोटा के साथ मिलकर की जा रही है
मिशिगन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर केवैन नजारियन ने बताया कि पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में एक्सिडेंट ड्राइविंग के दौरान मेडिकल इमरजेंसी की वजह से होते हैं, खास तौर पर दिल का दौरा पड़ने से. ऐसे में इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बड़ी संख्या में दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है और लोगों की जान बचाने की संभावना भी बढ़ जाती है. इस टेक्नोलॉजी के ज़रिए ड्राइवर की फिज़िकल कंडिशन को मॉनिटर और ऐनेलाइज करके समय रहते हार्ट अटैक की पहचान की जा सकेगी.
नजारियन ने बताया कि ये सिस्टम एल्गोरिदम, पोटेंशियल सॉल्यूशन और हार्डवेयर ऑप्शन के द्वारा इस बात का पता लगा लेगा कि ड्राइवर की शारीरिक स्थिति कैसी है. रिसर्चर की मानें तो यह सिस्टम ईसीजी मेजरमेंट से फिज़िओेलॉजी और बाकी मेडिकल मेज़रमेंट से कार ड्राइव कर रहे व्यक्ति के दिल की स्थिति बताएगा. इस डिवाइस को डेवलप करने के लिए हॉस्पिटल और गाड़ी चला रहे लोगों के दिल की स्थिति का डाटा एकत्र किया गया. इसके बाद इसे टेस्ट किया गया कि यह बराबर काम कर रहा है या नहीं..
नजारियन ने बताया कि यह एक हाई-क्वालिटी डिवाइस होगी जो ड्राइवर के सीने से चिपकी होगी. इस डिवाइस में ड्राइवर की ईसीजी काउंटिंग अपलोड की जाएगी जो ड्राइवर के दिल को मॉनीटर करेगी. नजारियन ने बताया कि 2020 तक हमे इस रिसर्च के रिज़ल्ट मिलने शुरू हो जाएंगे. कई अलग-अलग एजेंसियों द्वारा की गई रिसर्च में अबतक यह पता चला है कि 65 साल या उसके उूपर की उम्र के ड्राइवर्स के सबसे ज्यादा एक्सिडेंट हुए हैं जिनकी वजह हार्ट से जुड़ी मेडिकल इमरजेंसी थी.
मेडिकल इमरजेंसी की वजह से होते हैं बड़ी संख्या में एक्सिडेंट
मिशिगन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर केवैन नजारियन ने बताया कि पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में एक्सिडेंट ड्राइविंग के दौरान मेडिकल इमरजेंसी की वजह से होते हैं, खास तौर पर दिल का दौरा पड़ने से. ऐसे में इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बड़ी संख्या में दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है और लोगों की जान बचाने की संभावना भी बढ़ जाती है. इस टेक्नोलॉजी के ज़रिए ड्राइवर की फिज़िकल कंडिशन को मॉनिटर और ऐनेलाइज करके समय रहते हार्ट अटैक की पहचान की जा सकेगी.
कार में लगा सिस्टम बताएगा ड्राइवर को आ रहा है हार्ट अटैक
नजारियन ने बताया कि ये सिस्टम एल्गोरिदम, पोटेंशियल सॉल्यूशन और हार्डवेयर ऑप्शन के द्वारा इस बात का पता लगा लेगा कि ड्राइवर की शारीरिक स्थिति कैसी है. रिसर्चर की मानें तो यह सिस्टम ईसीजी मेजरमेंट से फिज़िओेलॉजी और बाकी मेडिकल मेज़रमेंट से कार ड्राइव कर रहे व्यक्ति के दिल की स्थिति बताएगा. इस डिवाइस को डेवलप करने के लिए हॉस्पिटल और गाड़ी चला रहे लोगों के दिल की स्थिति का डाटा एकत्र किया गया. इसके बाद इसे टेस्ट किया गया कि यह बराबर काम कर रहा है या नहीं..
ड्राइवर के सीने पर लगी होगी हाई-क्वालिटी मॉनिटरिंग डिवाइस
नजारियन ने बताया कि यह एक हाई-क्वालिटी डिवाइस होगी जो ड्राइवर के सीने से चिपकी होगी. इस डिवाइस में ड्राइवर की ईसीजी काउंटिंग अपलोड की जाएगी जो ड्राइवर के दिल को मॉनीटर करेगी. नजारियन ने बताया कि 2020 तक हमे इस रिसर्च के रिज़ल्ट मिलने शुरू हो जाएंगे. कई अलग-अलग एजेंसियों द्वारा की गई रिसर्च में अबतक यह पता चला है कि 65 साल या उसके उूपर की उम्र के ड्राइवर्स के सबसे ज्यादा एक्सिडेंट हुए हैं जिनकी वजह हार्ट से जुड़ी मेडिकल इमरजेंसी थी.Stay updated with automotive news and reviews right at your fingertips through carandbike.com's WhatsApp Channel.