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टाटा मोटर्स को एक बार फिर पंच के लिए मिली 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग

टाटा पंच बड़ों की सुरक्षा के लिए 5-स्टार रेटिंग पाने वाली भारतीय निर्माता की तीसरा मॉडल बन गई है. वहीं बच्चों की सुरक्षा के लिए 4 स्टार पाने वाली यह भारत की दूसरी कार भी है.
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित अक्तूबर 14, 2021

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Story

हाइलाइट्स

    कई लोगों के लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए कि टाटा पंच ने सुरक्षा रेटिंग एजेंसी ग्लोबल एनकैप से 5 सितारे हासिल किए हैं. माइक्रो-एसयूवी का क्रैश परीक्षण किया गया है और बड़ों की सुरक्षा के लिए कार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. टाटा के हालिया ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी छोटी कार के साथ भी कंपनी ने इस तरह का स्कोर हासिल किया है जो नेक्सॉन और अल्ट्रोज़ से भी बेहतर है.

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    ग्लोबल एनकैप नियमों के अनुसार सामने से परीक्षण 64 किमी प्रति घंटे पर किया गया.

    जल्द लॉन्च होने के बाद, टाटा पंच ह्यून्दे ग्रैंड i10 निऑस और मारुति सुजुकी स्विफ्ट से मुकाबला करेगी, भले ही फीचर्स और सेगमेंट के मामले में कार का कोई सटीक प्रतिद्वंद्वी नहीं है. पंच के बॉडी शेल को स्थिर दर्जा दिया गया है और कार को एडल्ट ऑक्यूपेंट सेफ्टी के लिए 17 में से 16.45 प्रभावशाली अंक मिले हैं. यह इसे ग्लोबल एनकैप द्वारा अपने सेफ कार्स फॉर इंडिया कार्यक्रम के तहत किए गए सभी क्रैश परीक्षणों में सबसे ऊंची रेटिंग वाली कार बनाता है.

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    पंच पर दो एयरबैग, एबीएस (एंटीलॉक ब्रेक) और आईसोफिक्स चाइल्ड सीट एंकर मानक हैं. 

    टाटा पंच ने एक ठोस 4 सितारों के साथ चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए भी प्रभावशाली स्कोर हासिल किया है. ग्लोबल एनकैप द्वारा परीक्षण किए गए संभावित 49 अंकों में से कार को 40.89 अंक मिले हैं. अब तक महिंद्रा XUV300 इकलौती कार थी जिसे बच्चों की सुरक्षा के लिए 4 स्टार क्रैश रेटिंग पाने का गौरव हासिल था. हालांकि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दोनों कारें अलग-अलग सीआरएस या चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम का उपयोग करती हैं और इसलिए अंक तुलनीय नहीं हैं. ग्लोबल एनकैप टैस्ट में कार निर्माता द्वारा बताई गई सीट का ही उपयोग करती है जिससे बच्चों की सुरक्षा क्षमता की वास्तविक तस्वीर मिल सके. टाटा पंच के मामले में, पीछे की ओर देखती सीटों को आदर्श माना गया और इससे ज़्यादा अंक मिलने में मदद मिली.

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    बच्चों की सुरक्षा के लिए संभावित 49 अंकों में से कार को 40.89 अंक मिले हैं.  

    ग्लोबल एनकैप के महासचिव एलेजांद्रो फुरस ने कहा, "हमारी परीक्षण प्रक्रियाएं हमारे मौजूदा नियमों के साथ भारतीय बाजार में सुरक्षा के मामले में टाटा की प्रगति को दिखाती हैं. जैसे-जैसे नियम इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ईएससी), साइड इंपेक्ट हेड प्रोटेक्शन और पैदल यात्री सुरक्षा को शामिल करने की तरफ बढ़ते हैं, हम टाटा को इस मामले में और काम करने के लिए कहेंगे."

    यह भी पढ़ें: टाटा पंच का रिव्यू: छोटी मगर दमदार एसयूवी

    ग्लोबल एनकैप ने सिफारिश की है कि टाटा ईएससी के साथ पंच में साइड हेड इंपेक्ट सुरक्षा और सभी यात्रियों के लिए 3-पॉइंट सीटबेल्ट मानक रूप से दे. हम इस बात पर और परिणाम पर प्रतिक्रिया पाने के लिए टाटा मोटर्स तक पहुंचे लेकिन इस कहानी को प्रकाशित करते समय कारएंडबाइक के पास कोई जवाब नहीं आया था. ग्लोबल एनकैप नियमित आधार पर कारों को सेल्फ सोर्स करके या कंपनी से कार उसके ही खर्च पर लेकर परीक्षण करता है. पहले विकल्प में डीलरशिप से गुमनाम खरीदकर कार लेता है और दूसरे में निर्माता कार को सील कर परिणाम की परवाह किए बिना ग्लोबल एनकैप तक पहुंचाता है. टाटा पंच के साथ ऐसा ही हुआ है.

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    कंपनी ने इस तरह का स्कोर हासिल किया है जो नेक्सॉन और अल्ट्रोज़ से भी बेहतर है.  

    टुवर्ड्स जीरो फाउंडेशन के अध्यक्ष डेविड वार्ड ने कहा, “हम इस स्वैच्छिक परीक्षण में टाटा के सुरक्षा परिणाम से स्पष्ट रूप से प्रसन्न हैं. ग्लोबल एनकैप निर्माताओं को सुरक्षित बाजार बनाने में मदद करने के लिए हमारे कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है." पंच ने सामने वाले यात्रियों के सिर, गर्दन और छाती के साथ ही दोनों घुटनों को सुरक्षा देकर अच्छा प्रदर्शन किया है. हाल ही में परीक्षण की गई कुछ बड़ी कारों से उलट, बॉडी शेल और फुटवेल दोनों को स्थिर के रूप में रेट किया गया है, जो आगे की लोडिंग को सहन करने में सक्षम थे. जहां तक बच्चों की सुरक्षा का सवाल है, पंच ने बच्चों के डमी के सिर और छाती को अच्छी सुरक्षा दी. पंच पर दो एयरबैग, एबीएस (एंटीलॉक ब्रेक) और आईसोफिक्स चाइल्ड सीट एंकर मानक हैं.

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    टाटा पंच भारतीय बाज़ार में 18 अक्टूबर को लॉन्च की जाएगी.

    ग्लोबल एनकैप नियमों के अनुसार सामने से परीक्षण 64 किमी प्रति घंटे पर किया गया. साइड सुरक्षा के लिए पंच का अलग से परीक्षण हुआ. इस मामले में परीक्षण किया गया मॉडल एक निचला वेरिएंट था. सामने के लिए क्रिएटिव ट्रिम का उपयोग इसलिए किया गया क्योंकि सभी वेरिएंट्स में समान सुरक्षा फीचर हैं और क्रिएटिव पर अलॉय व्हील लगे हैं जो दुर्घटना के प्रभाव को कम नही करते हैं. यह सबसे खराब स्थिति की तस्वीर देता है, क्योंकि स्टील के पहिये तुलना में नरम होते हैं. वार्ड ने यह भी कहा, "यह निराशाजनक है कि भारतीय बाजार में सभी कार निर्माताओं ने सुरक्षा सुधार के लिए इतना मज़बूत इरादा नहीं दिखाया है."

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    Last Updated on October 14, 2021


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