फोक्सवैगन वर्टुस ने 50,000 बिक्री आंकड़ा किया पार, साल 2024 में अब तक बेचीं 17,000 कारें
हाइलाइट्स
- 2024 की पहली छमाही में सबसे अधिक बिकने वाली सी-सेडान थी
- हाल ही में जीटी लाइन और जीटी प्लस स्पोर्ट ट्रिम्स में लॉन्च किया गया
- जर्मन कार निर्माता की भारत 2.0 योजना का हिस्सा है
फोक्सवैगन इंडिया ने देश में अपनी एकमात्र सेडान की बिक्री में एक नया मील का पत्थर हासिल करने की घोषणा की है. जून 2022 में पेश होने के बाद से वर्टुस को भारत में 50,000 खरीदार मिल गए हैं. सी-सेगमेंट सेडान को इस मील का पत्थर हासिल करने में 28 महीने से थोड़ा अधिक समय लगा. दिलचस्प बात यह है कि बेची गई 50,000 कारों में से 17,000 कारें इसी 2024 कैलेंडर वर्ष में बेची गईं.
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2024 की पहली छमाही में वर्टुस सेगमेंट में सबसे ज्यादा बिकने वाली सेडान रही है. मई और जुलाई के बीच के महीनों में, फोक्सवैगन ने 4,932 वर्टुस बेचीं, जबकि ह्यून्दे की बिक्री का आंकड़ा 4,225 कारें रहा (15 प्रतिशत की कमी) थी. इसके अलावा, यदि आप साल-दर-साल उद्योग डेटा पर विचार करते हैं, तो फोक्सवैगन ने जुलाई 2024 के अंत तक वर्टुस की 11,572 कारें बेची हैं. इसका मतलब यह भी है कि बिक्री पिछले साल की तुलना में अधिक है, हालांकि अंतर मामूली है (11,395) पिछले वर्ष की समान अवधि में थीं.
जर्मन कार निर्माता के अनुसार, भारत 2.0 योजना के दो प्रमुख तत्व - वर्टुस और टाइगुन - ने अब दूसरी तिमाही में सामूहिक रूप से एक लाख घरेलू बिक्री मील का पत्थर पार कर लिया है. 2024 की तीसरी तिमाही के अंत में, कुल बिक्री 6.50 लाख को पार कर गई, जिसमें इन दो भारत 2.0 मॉडल का घरेलू बिक्री में लगभग 18.5 प्रतिशत योगदान था. सितंबर 2021 में टाइगुन के बाजार में आने के बाद से 3 साल से अधिक की अवधि में बिक्री का यह प्रभावशाली आंकड़ा हासिल किया गया.
इस अवसर पर बोलते हुए, फोक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के ब्रांड निदेशक, आशीष गुप्ता ने कहा, “हम अपने सभी ग्राहकों के प्रति बहुत आभारी हैं. इसके लॉन्च के बाद से हमने हर दिन लगभग 60 वर्टुस सेडान बेची हैं. हमने भारत में 6.50 लाख घरेलू थोक बिक्री का आंकड़ा भी पार कर लिया है और ब्रांड में उनके अपार प्यार और विश्वास के लिए विस्तारित फोक्सवैगन परिवार के आभारी हैं.