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भारत में किस तरह होता है ईंधन की कीमतों का गुणा-भाग, विस्तार से जानें

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How Fuel Prices Are Calculated In India
इस खबर में हम आपको बता रहे हैं कि भारत में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों का गुणा भाग कैसे किया जाता है. विस्तार से जानें कैसे लगाया जाता है ईंधन का हिसाब?
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित जून 15, 2021

हाइलाइट्स

    मई 2021 में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें 23 बार बढ़ाई गई हैं और भारत के कई शहरों में प्रति लीटर पेट्रोल का आंकड़ा 100 रुपए के पार पहुंच चुका है क्योंकि आज की तारीख में लगभग हर रोज़ देश में ईंधन के दाम बढ़ाए जा रहे हैं. बेशक यहां पेट्रोल ने शतक लगाया है, लेकिन ये वो शतक नहीं है जिसका हमें अमूमन इंतज़ार होता है. मौजूदा कीमत पिछले साल दिसंबर में करीब रु 12 प्रति लीटर कम थी, वहीं डीज़ल के दाम रु 14 प्रति कम थे. अब आप पेट्रोल पंप पर जाकर रु 1000 का पेट्रोल अपने वाहन में डलवाएंगे तो पहले से काफी कम मात्रा में आपको ईंधन मिलेगा. तो इस खबर में हम आपको बता रहे हैं कि भारत में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों का गुणा भाग कैसे किया जाता है.

    कच्चे तेल की कीमतें और टैक्स

    भारत में मांग का 80 % पेट्रोल-डीज़ल आयात किया जाता है और कच्चे तेल की कीमत यहां निर्णायक भूमिका निभाती है. फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत 72 डॉलर प्रति बैरल है और यह करीब हर दिन बढ़ रही है. भारत में भी प्रतिदिन ईंधन की कीमत बदलते कच्चे तेल की कीमत के हिसाब से बदली जा रही है. जैसे ही कच्चा तेल महंगा होता है, आयात की लागत भी बढ़ जाती है. लेकिन ईंधन की बढ़ती कीमतों का सिर्फ यही एक कारण नहीं है. ईंधन की रिकॉर्ड कीमत का ठीकरा हमारी टैक्स व्यवस्था के सर भी फूटता है. भारत दुनियाभर के उन देशों में शामिल है जहां पेट्रोल-डीज़ल पर सबसे ज़्यादा टैक्स वसूला जाता है.

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    ऐसे होता है पेट्रोल-डीज़ल का हिसाब किताब

    2021 की शुरुआत से ही पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में लगातार इज़ाफा दर्ज किया जा रहा है और यह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं. सरसरी नज़र डालें तो इस साल जनवरी से अब तक वाहन में डलने वाले ईंधन की मुंबई में कीमत पेट्रोल के लिए 10 रुपए प्रति लीटर और डीज़ल के लिए 12 रुपए प्रति लीटर बढ़ी है. भारत में ईंधन की कीमतें रोज़ाना घटती-बढ़ती हैं. जिसकी वजह कच्चे तेल की बढ़ती कीमत है. जैसे-जैसे कच्चा तेल महंगा होगा, वैसे-वैसे पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें भी बढ़ेंगी.

    ये भी पढ़ें : पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में फिर हुआ इज़ाफा, मध्य प्रदेश के अनूपपुर में पेट्रोल ₹ 107/लीटर पार

    1 जून 2021 को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की मूल कीमत 36 रुपए 4 पैसे प्रति लीटर थी. इसपर सरकार ने वैल्यू ऐडेड टैक्स, ऐक्साइज़ ड्यूटी और पेट्रोल की बिक्री पर लगने वाला डीलर कमिशन पर वैट लगाती है.. ये सभी टैक्स मिलकर दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत का 58.6 % हो जाते हैं..

    पेट्रोल की कीमत का विवरण

    मात्रा

    1 जून 2021 को दिल्ली में कीमत

    डीलर के लिए कीमत, बिना एक्साइज़ ड्यूटी और वैट

    रु/लीटर

    रु 36.04

    ऐक्साइज़ ड्यूटी

    रु/लीटर

    रु 32.90

    औसत डीलर कमिशन

    रु/लीटर

    रु 3.79

    वैट के साथ डीलर कमिशन पर वैट, दिल्ली में 30 %

    रु/लीटर

    रु 21.82

    बिक्री की कीमत

    रु/लीटर

    रु 94.55

    डेटा सोर्सः एचपीसीएल

    देश की राजधानी में पेट्रोल की तरह प्रति लीटर डीज़ल का मूल दाम भी 38 रुपए 54 पैसे है.. फिर लगाए जाते हैं इसपर टैक्स, डीलर कमिशन और एयर एंबिएंस चार्जेस, जिसके बाद टैक्स डीज़ल की प्रति लीटर मूल कीमत का 55 % हो जाता है...

    डीज़ल की कीमत का विवरण

    मात्रा

    1 जून 2021 को दिल्ली में कीमत

    डीलर के लिए कीमत, बिना एक्साइज़ ड्यूटी और वैट

    रु/लीटर

    रु 38.54

    ऐक्साइज़ ड्यूटी

    रु/लीटर

    रु 31.80

    औसत डीलर कमिशन

    रु/लीटर

    रु 2.59

    वैट के साथ डीलर कमिशन पर वैट, दिल्ली में 16.75 % और एयर एंबिएंस चार्जेस रु 0.25/लीटर

    रु/लीटर

    रु 12.51

    बिक्री की कीमत

    रु/लीटर

    रु 85.44

    डेटा सोर्सः एचपीसीएल

    अलग-अलग शहरों में ईंधन की कीमतें क्यों होती हैं अलग?

    ईंधन की कीमतों पर कुछ राज्यों में वैट की दर काफी ज़्यादा लगाई जा रही है जिससे पेट्रोल-डीज़ल की कीमत में और उछाल आ रहा है... राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भारी वैट के साथ ईंधन की बिक्री हो रही है जो क्रमशः 36 % और 33 % हैं.. इन्हीं की तर्ज़ पर महाराष्ट्र में भी 26 % वैट प्रति लीटर लगाया जा रहा है जिससे कीमत 10 रुपए 12 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाती है...

    राज्य

    पेट्रोल पर बिक्री कर और वैट

    डीज़ल पर बिक्री कर और वैट

    मध्य प्रदेश

    33 % वैट, रु 4.5/लीटर वैट, 1 % सेस

    23 % वैट, रु 3/लीटर वैट, 1 % सेस

    राजस्थान

    36 % वैट, रु 1500/KL रोड डेवेलपमेंट सेस

    26 % वैट, रु 1750/किलोलीटर रोड डेवेलपमेंट सेस

    उत्तर प्रदेश

    26.80 % या रु 18.74/लीटर, जो भी ज़्यादा हो

    17.48 % या रु 10.41/लीटर, जो भी ज़्यादा हो

    महाराष्ट्र

    26 % वैट, रु 10.12/लीटर अतिरिक्त टैक्स

    24 % वैट, रु 3/लीटर अतिरिक्त टैक्स

    तमिलनाडु

    15 %, रु 13.02/लीट

    11 %, रु 9.62/लीटर

    ओडिशा

    32 % वैट

    28 % वैट

    डेटा सोर्सः पेट्रोलियम प्लानिंग एंड ऐनालिसिस सेल

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    भारत के मुकाबले पड़ोसी देशों में ईंधन के दाम

    पड़ोसी देशों से तुलना करें तो भूटान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और रशिया के मुकाबले भारतीय प्रति लीटर ईंधन की सबसे ज़्यादा कीमत चुका रहे हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पड़ोसी देशों के मुकाबले भारत में पेट्रोल-डीज़ल की कीमत लगभग दोगुनी है. भारतीय मुद्रा में देखें तो भूटान में प्रति लीटर पेट्रोल रु 68.4 का बिकता है, वहीं डीज़ल का दाम रु 66.4 प्रति लीटर है. पाकिस्तान में पेट्रोल के दाम रु 50.67 प्रति लीटर हैं, वहीं डीज़ल की कीमत रु 51.79 प्रति लीटर है. रूस में पेट्रोल-डीज़ल की प्रति लीटर कीमतें क्रमशः रु 49.2 और रु 48.4 हैं.

    ये भी पढ़ें : क्या इथेनॉल है भारत के लिए सही ईंधन विकल्प?

    आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि न्यूयॉर्क के मुकाबले मुंबई में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत लगभग दोगुनी है क्योंकि न्यूयॉर्क में यह कीमत 0.79 डॉलर है जो करीब रु 57 के बराबर है.

    सरकार ने क्या कहा?

    मीडिया के साथ हालिया बातचीत में ईंधन की बढ़ती कीमतों पर ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, "मैं मानता हूं कि ईंधन की कीमतें ग्राहकों पर भारी पड़ रही हैं, इसमें कोई दोराय नहीं है. लेकिन एक साल में कोविड वैक्सीन पर रु 35,000 करोड़ खर्च हुए हैं. रु 1 लाख करोड़ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में लगाए गए हैं ताकि गरीब परिवार को 8 महीने तक मुफ्त राशन दिया जा सके. पीएम किसान निधि के अंतर्गत किसानों के खातों में कुछ हज़ार करोड़ रुपए भेजे गए हैं. इस कठिन परिस्थिति में हम लोगों का भला करने के लिए रकम बचा रहे हैं."

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    इस बारें में क्या कर सकती है सरकार?

    टैक्स में कमी करने से राज्य और केंद्र सरकार के रेवेन्यू पर बहुत बुरा असर पड़ेगा. हालांकि सरकार इसका उपाय निकालने पर काम कर रही है जिससे पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों को कम किया जा सके. सरकार बायोफ्यूल, खासतौर पर इथेनॉल की बिक्री बढ़ाने पर ज़ोर दे सकती है. इसपर सरकार ने कदम भी उठाए हैं और 1 अप्रैल 2023 तक कुल ईंधन का 20 % हिस्सा इथेनॉल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. राष्ट्रीय बायोफ्यूल नीति 2018 के अनुसार यह आंकड़ा 2030 तक छूने का लक्ष्य रखा गया था. इस कदम से ईंधन के लिए विदेशों पर निर्भरता खत्म होगी और आयात में लगने वाली भारी रकम को बचाया जा सकेगा.

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