JSW-MG मोटर्स इंडिया में भारतीय निवेशकों की होगी 51% हिस्सेदारी
हाइलाइट्स
चीनी कंपनी SAIC द्वारा एमजी मोटर इंडिया की बहुमत हिस्सेदारी की बिक्री अंतिम चरण में है और भारतीय यूनिट की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी अब भारतीय निवेशकों के हाथों में होगी. एमजी और जेएसडब्ल्यू समूह के बीच एक नए संयुक्त उद्यम की स्थापना की घोषणा पर, नए जेवी की संचालन समिति के सदस्य पार्थ जिंदल ने खुलासा किया कि एमजी मोटर इंडिया में संपूर्ण 51 प्रतिशत बहुमत हिस्सेदारी तय हो गई है, जिसमें 35 के साथ सबसे बड़ी हिस्सेदारी जेएसडब्ल्यू के पास है.
बाकी हिस्सेदारी डीलर पार्टनर्स, एमजी मोटर्स इंडिया के कर्मचारियों और भारतीय वित्तीय संस्थान (आईएफआई) के बीच बंटी है. इनमें से IFI की सबसे बड़ी हिस्सेदारी 8 प्रतिशत होगी, इसके बाद MG इंडिया के कर्मचारियों की 5 प्रतिशत और डीलर पार्टनर्स की 3 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.
एमजी इंडिया के मानद सीईओ राजीव चाबा ने कहा कि हिस्सेदारी का उद्देश्य कंपनी के डीलर पार्टनर्स, सप्लायर्स और कर्मचारियों को प्रोत्साहन देना है.
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कुल मिलाकर 51 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री से जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया ₹5,000 करोड़ से अधिक जुटाएगी, जिसे निर्माण क्षमता बढ़ाने और बाजार में नए मॉडल लाने के लिए कंपनी में निवेश किया जाएगा. जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर का लक्ष्य हलोल प्लांट में प्रोडक्शन को मौजूदा 1 लाख वाहन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 3 लाख वाहन करना है. हालाँकि कंपनी ने कहा है कि भारत में और अधिक मॉडल लाने के लिए अगले 10 वर्षों में और अधिक निवेश किया जाएगा.
साझेदारी में होने वाला नया व्यापार भारतीय बाजार के लिए नए ऊर्जा वाहनों (एनईवी) पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयार है, जिसमें ऑल-इलेक्ट्रिक और प्लग-इन हाइब्रिड शामिल हैं, जिनमें से पहला सितंबर 2024 में आएगा. कंपनी ने पुष्टि की है कि वह अत्यधिक लोकलाइजेशन का इस्तेमाल कर के देश में हर 3-6 महीने में एक कार बनाने की योजना बना रही है.
संयुक्त व्यापार उड़ीसा में जेएसडब्ल्यू के हाल ही में घोषित बैटरी प्लांट से बैटरी पैक प्राप्त करने के लिए तैयार है, साथ ही जेएसडब्ल्यू प्लांट को भविष्य में कुछ समय के लिए भविष्य के जेएसडब्ल्यू एमजी एनईवी को पेश करने के लिए भी निर्धारित किया गया है. कंपनी का 2030 तक भारत में 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बेचने का लक्ष्य है.