फीएट क्रिस्लर के लगाए आरोपों पर महिंद्रा ने दिया जवाब, ऑफ-रोड SUV रॉक्सर का मामला
महिंद्रा ऑफ-रोड रॉक्सर की बनावट और हुलिए पर FCA के लगाए आरोपों पर महिंद्रा ने जवाब दिया है. टैप कर जानें जवाब में क्या बोली महिंद्रा एंड महिंद्रा?
हाइलाइट्स
फीएट क्रिस्लर ऑटोमोबाइल्स ने यूनाइटेड स्टेट्स में महिंद्रा रॉक्सर ऑफरोड के आयात पर रोक लगाने के लिए एक शिकायत दायर की है और अब महिंद्रा एंड महिंद्रा ने जवाब में एक बयान जारी किया है. महिंद्रा ऑफ-रोडर के की कैरेक्टरिस्टिक पर FCA के लगाए आरोपों पर महिंद्रा ने जवाब में कहा है कि, “हमें पता है कि महिंद्रा के खिलाफ FCA ने जीप ब्रांड की SUV से जुड़ी शिकायत यूनाइटेड स्टेट्स इंटरेशनल ट्रेड कमिशन के सामने की है. महिंद्रा के सामने अबतक ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है, ऐसे में अभी से इस मामले पर अभी से कुछ भी बोलना सही नहीं होगा. बहरहाल हमने फीएट क्रिस्लर ऑटोमोबाइल्स की फाइल की हुई शिकायत का गौर से अध्ययन किया है और इसमें अपने आपको कहीं भी दोशी नहीं पाया है.”
महिंद्रा ऑफ-रोड रॉक्सर की बनावट और हुलिए पर FCA ने लगाए आरोप
फीएट क्रिस्लर ऑटोमोबाइल्स एनवी ने US ट्रेड में एक शिकायत दायर की है जिसमें भारतीय ऑटोमेकर महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड को ऑइकॉनिक जीप जैसे दिखने वाले ऑफ-रोड वाहन के आयात पर रोक लगाने की बात कही गई है. 1 अगस्त 2018 को फीएट क्रिस्लर ने यह शिकायत यूनाइटेड स्टेट्स के इंटरनेशनल ट्रेड कमिशन के सामने की है. इस शिकायत के अंतर्गत महिंद्रा रॉक्सर की बनावट और हुलिया जीप की सिग्नेचर ट्रेड ड्रेस जैसा है जिसे “बॉक्सी बॉडी शेप के साथ फ्लैट वाहन साइड और पिछली बॉडी भी उसी हाइट पर खत्म होती है जो हुड की हाइट होती है.” “फीएट क्रिस्लर ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि, उनकी डिज़ाइन जीप की आईकॉनिक डिज़ाइन से बिल्कुल मिलती है और तुलना के आधार पर जीप और महिंद्रा रॉक्सर की फोटो भी दी गई है.”
ये भी पढ़ें : फीएट क्रिस्लर ने महिंद्रा रॉक्सर के खिलाफ दर्ज की शिकायत, जानें क्या है मामला
2017 में मुबई आधारित महिंद्रा ने साउथईस्ट मिशिगन में अपना हालिया डेवेलप नॉर्थ अमेरिका ब्रांच हैडक्वार्टर खोला है, कंपनी भारत की सबसे बड़ी स्पोर्ट यूटिलिटी वाहन मैन्युफैक्चर की जाती है. फीएट क्रिस्लर का कहना है कि महिंद्रा रॉक्स जीप के लिए परेशानी बनेगी क्योंकि जीप पहले से बेची जा रही है और महिंद्रा ने इस वाहन को भारत में बनाया है और इसे डेट्रॉइट इलाके में असेंबल किया जा रहा है, ऐसे में में इनकी कीमत भी कम होना तय है. फीएट क्रिस्लर अपने वाहन लाइन-अप को लेकर काफी आक्रामक होती जा रही है और कंपनी ने जुलाई 2018 में पिछले साल जुलाई के मुकाबले अबतक की सबसे ज़्यादा 16 प्रतिशत ग्रोथ दर्ज की है.
महिंद्रा ने पिछले साथ नवंबर में प्लान का ऐलान किया था जिसमें 600 मिलियन डॉलर महिंद्रा रॉक्सर की उत्पादन फैसिलिटी में निवेश करने की बात कही गई थी. मिशिगन यूनिट में काम की रफ्तार को तीन गुना बढ़ा दिया गया है और 2020 तक महिंद्रा ग्रुप ने 670 लोगों को रोज़गार देने का प्लान भी बनाया है. यह केस मैटर ऑफ सर्टन मोटराइज़्ड व्हीकल्स एंड कंपोनेंट का है, कंप्लेंट नंबर 3330, US इटरनेशनल ट्रेड कमिशन.
फीएट क्रिस्लर ऑटोमोबाइल्स एनवी ने US ट्रेड में एक शिकायत दायर की है जिसमें भारतीय ऑटोमेकर महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड को ऑइकॉनिक जीप जैसे दिखने वाले ऑफ-रोड वाहन के आयात पर रोक लगाने की बात कही गई है. 1 अगस्त 2018 को फीएट क्रिस्लर ने यह शिकायत यूनाइटेड स्टेट्स के इंटरनेशनल ट्रेड कमिशन के सामने की है. इस शिकायत के अंतर्गत महिंद्रा रॉक्सर की बनावट और हुलिया जीप की सिग्नेचर ट्रेड ड्रेस जैसा है जिसे “बॉक्सी बॉडी शेप के साथ फ्लैट वाहन साइड और पिछली बॉडी भी उसी हाइट पर खत्म होती है जो हुड की हाइट होती है.” “फीएट क्रिस्लर ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि, उनकी डिज़ाइन जीप की आईकॉनिक डिज़ाइन से बिल्कुल मिलती है और तुलना के आधार पर जीप और महिंद्रा रॉक्सर की फोटो भी दी गई है.”
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2017 में मुबई आधारित महिंद्रा ने साउथईस्ट मिशिगन में अपना हालिया डेवेलप नॉर्थ अमेरिका ब्रांच हैडक्वार्टर खोला है, कंपनी भारत की सबसे बड़ी स्पोर्ट यूटिलिटी वाहन मैन्युफैक्चर की जाती है. फीएट क्रिस्लर का कहना है कि महिंद्रा रॉक्स जीप के लिए परेशानी बनेगी क्योंकि जीप पहले से बेची जा रही है और महिंद्रा ने इस वाहन को भारत में बनाया है और इसे डेट्रॉइट इलाके में असेंबल किया जा रहा है, ऐसे में में इनकी कीमत भी कम होना तय है. फीएट क्रिस्लर अपने वाहन लाइन-अप को लेकर काफी आक्रामक होती जा रही है और कंपनी ने जुलाई 2018 में पिछले साल जुलाई के मुकाबले अबतक की सबसे ज़्यादा 16 प्रतिशत ग्रोथ दर्ज की है.
महिंद्रा ने पिछले साथ नवंबर में प्लान का ऐलान किया था जिसमें 600 मिलियन डॉलर महिंद्रा रॉक्सर की उत्पादन फैसिलिटी में निवेश करने की बात कही गई थी. मिशिगन यूनिट में काम की रफ्तार को तीन गुना बढ़ा दिया गया है और 2020 तक महिंद्रा ग्रुप ने 670 लोगों को रोज़गार देने का प्लान भी बनाया है. यह केस मैटर ऑफ सर्टन मोटराइज़्ड व्हीकल्स एंड कंपोनेंट का है, कंप्लेंट नंबर 3330, US इटरनेशनल ट्रेड कमिशन.
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