गडकरी ने E20 की आलोचना को बताया " झूठा राजनीतिक अभियान"

हाइलाइट्स
- गडकरी ने E20 की आलोचना को "एक पेड राजनीतिक अभियान" बताया
- कहा कि टैस्टिंग एजेंसियों को E20 के क्रियान्वयन में कोई समस्या नहीं मिली
- 65वां सियाम वार्षिक सम्मेलन 11 सितंबर, 2025 को आयोजित हुआ
एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के कुछ ही दिनों बाद, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने E20 ईंधन की शुरुआत को लेकर हो रही आलोचनाओं पर पलटवार किया है. 65वें SIAM वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए, गडकरी ने बिना किसी लाग-लपेट के इस आलोचना को एक "सौंपी हुई राजनीतिक मुहिम" बताया, जो अब "झूठी साबित हो चुकी है."
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उन्होंने कहा, "E20 ईंधन के वितरण को लेकर मेरे ख़िलाफ़ एक सशुल्क अभियान चलाया गया था. सभी परीक्षण एजेंसियों ने पुष्टि की है कि कार्यान्वयन में कोई समस्या नहीं है."
भारत ने इस साल की शुरुआत में आधिकारिक तौर पर E20 पेट्रोल अपना लिया, यानी अब नियमित पेट्रोल में 20% इथेनॉल होता है. हालाँकि यह कदम स्वच्छ और अधिक टिकाऊ ईंधन के लिए एक बड़े प्रयास का हिस्सा है, लेकिन इसे लेकर विवाद भी हुआ है, खासकर उन वाहन मालिकों की ओर से जो पुरानी कारों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं.

एक बड़ी चिंता? अनुकूलता. कई कार निर्माताओं ने पिछले कुछ वर्षों में ही E20-अनुरूप मॉडल बाज़ार में उतारे हैं, जिससे पुराने वाहनों के मालिकों को यह संदेह हो रहा है कि क्या उनके इंजन नए ईंधन मिश्रण को संभाल पाएँगे. माइलेज में गिरावट और गैर-अनुपालन वाले वाहनों के लिए स्पष्ट विकल्पों की कमी की भी शिकायतें मिली हैं.
इस विवाद को शांत करने के लिए, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने एआएआईI और FIPI के साथ मिलकर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने आश्वासन दिया कि इस बदलाव से वाहनों की वारंटी और बीमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सियाम के एक प्रवक्ता ने कहा, "मौजूदा वाहनों के सभी वारंटी दावों का सम्मान किया जाएगा."