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हीरो मोटोकॉर्प के खिलाफ 'हीरो' ब्रांड को लेकर विवाद पर सख्ती से खड़ा है हीरो इलेक्ट्रिक

दिल्ली हाई कोर्ट ने हीरो इलेक्ट्रिक और हीरो मोटोकॉर्प के बीच विवाद को मध्यस्थता के लिए भेज दिया है. मामला इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 'हीरो' ब्रांड नाम के इस्तेमाल से जुड़ा है.
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द्वारा ऋषभ परमार

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प्रकाशित फ़रवरी 18, 2022

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Story

हाइलाइट्स

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुंजाल परिवार के दो गुटों विजय कुमार मुंजाल और पवन कुमार मुंजाल के विवाद को मध्यस्थता के लिए भेज दिया है. मामला पवन मुंजाल के नेतृत्व में हीरो मोटोकॉर्प द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 'हीरो' ब्रांड नाम के इस्तेमाल से जुड़ा है. विजय कुमार मुंजाल और उनके बेटे नवीन मुंजाल, जो हीरो इलेक्ट्रिक के मालिक हैं, ने हीरो मोटोकॉर्प द्वारा अपने ईवी व्यवसाय के लिए 'हीरो' ब्रांड के इस्तेमाल का विरोध किया है. हीरो इलेक्ट्रिक के मुताबिक, हीरो मोटोकॉर्प ने विवादों को मध्यस्थता में भेजने की याचिका का विरोध किया था.

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    हीरो इलेक्ट्रिक के मुताबिक परिवारिक समझौते के अनुसार हीरो ब्रांड के तहत इलेक्ट्रिक वाहन का अधिकार उसी के पास है

    हीरो इलेक्ट्रिक की तरफ से कहा गया "कंपनी द्वारा विवादों की मध्यस्थता के लिए एक याचिका दायर की गई थी, जिसका हीरो मोटोकॉर्प ने कड़ा विरोध किया था. कोर्ट ने हीरो मोटोकॉर्प की सभी दलीलों को खारिज करते हुए, पारिवारिक व्यवस्था के तहत सभी विवादों को तीन सदस्यीय मध्यस्थ न्यायाधिकरण के पास भेज दिया है. हम विधिवत गठित न्यायाधिकरण के समक्ष हीरो मोटोकॉर्प के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा के लिए प्रार्थना करेंगे. यह बताने की जरूरत नहीं है कि मध्यस्थता को लेकर विवाद में किसी भी आदेश की चुनौती को विफल करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे." 

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    नवीन मुंजाल अपने चाचा पवन मुंजाल की कंपनी हीरो मोटोकॉर्प द्वारा आगामी ईवी रेंज के लिए "हीरो" ब्रांड इस्तेमाल किये जाने का विरोध कर रहे हैं

    विजय मुंजाल ने बेटे नवीन मुंजाल के साथ अक्टूबर में अदालत का दरवाजा खटखटाकर मध्यस्थता की मांग की थी, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन व्यवसाय के लिए 'हीरो' ब्रांड के उपयोग पर स्वामित्व का दावा किया गया था. यह मुद्दा 2010 में एक पारिवारिक समझौते की शर्तों को लेकर है, जब मुंजाल परिवारों ने अपने अलग-अलग व्यवसाय में जाने का फैसला किया, परिवार के प्रत्येक हिस्से को उनके द्वारा प्रबंधित व्यवसायों का स्वामित्व मिला हुआ है. समूह को भाइयों के बीच विभाजित किया गया था, बृजमोहन लाल मुंजाल के परिवार को प्रमुख फर्म हीरो मोटोकॉर्प और हीरो कॉर्पोरेट सर्विसेज का नियंत्रण मिला. ओम प्रकाश मुंजाल के बेटे पंकज मुंजाल फिलहाल हीरो साइकिल्स के चेयरमैन हैं. उनके परिवार को हीरो साइकिल, हीरो मोटर्स और मुंजाल सेल्स कॉर्पोरेशन का नियंत्रण मिला. सत्यानंद मुंजाल का परिवार मुंजाल शोवा, मुंजाल ऑटो और अन्य संबंधित व्यवसायों को नियंत्रित करता है, जबकि दयानंद मुंजाल (उनके बेटे विजय मुंजाल द्वारा प्रतिनिधित्व) हीरो एक्सपोर्ट्स, हीरो इलेक्ट्रिक और सनबीम ऑटो के मालिक हैं. विजय मुंजाल के बेटे नवीन मुंजाल हीरो इलेक्ट्रिक के एमडी हैं.

    यह भी पढ़ें : हीरो इलेक्ट्रिक ने 'हीरो' ब्रांड मामले पर हीरो मोटोकॉर्प के खिलाफ दर्ज याचिका वापस ली

    उस समझौते के तहत पवन मुंजाल को हीरो मोटोकॉर्प दिया गया था और उन्हें किसी भी इलेक्ट्रिक दो-, तीन- या चार-पहिया वाहनों के लिए 'हीरो' ब्रांड नाम का उपयोग करने की अनुमति नहीं है. उस समझौते के तहत हीरो इलेक्ट्रिक के वैश्विक अधिकार विजय मुंजाल और उनके बेटे नवीन मुंजाल के पास हैं. हीरो इलेक्ट्रिक के पास भारतीय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट में 36 प्रतिशत मार्केट शेयर है और 2021 में 65,000 से अधिक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री हुई. समझ यह है कि हीरो इलेक्ट्रिक के पास हीरो ब्रांड के साथ ईवीएस के सभी अधिकार हैं, और इस तरह, हीरो मोटोकॉर्प किसी भी ईवी व्यवसाय के लिए 'हीरो' ब्रांड नाम का उपयोग करने में सक्षम नहीं है.
     

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