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सरकार ने भारत में टैस्टिंग के लिए आने वाली कारों पर लगने वाला सीमा शुल्क हटाया

इस कदम का उद्देश्य भारत में परीक्षण करने के लिए अधिक कंपनियों को आकर्षित करना है.
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द्वारा ऋषभ परमार

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प्रकाशित फ़रवरी 6, 2023

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Story

हाइलाइट्स

    भारत सरकार ने परीक्षण के लिए भारत में आयात की जाने वाली कारों पर लगाए गए 252 प्रतिशत सीमा शुल्क को हटाने का विकल्प चुना है. इसका उद्देश्य देश में क्रैश टेस्ट करने के लिए बड़ी संख्या में कंपनियों को आकर्षित करना है.

    यह भी पढ़ें: 2024 के अंत तक भारत ने ऑटो उद्योग में ₹ 15 लाख करोड़ के कारोबार का लक्ष्य रखा: नितिन गडकरी

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    मानेसर स्थित इंटरनेशनल सेंटर ऑफ ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित 'टुवार्ड्स पंचामृत' कार्यक्रम में भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा "इस कदम के साथ भारत देश में लाई गई विदेशी कारों को सफलतापूर्वक परीक्षण और प्रमाणन प्रदान करने वाला छठा देश बन गया है. शुल्क रियायतें भारत को यूके, जर्मनी, चीन, ताइवान, जापान के खिलाफ प्रतिस्पर्धी बनाएंगी." सम्मेलन का आयोजन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के 'पंचामृत' के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए किया गया था, जो 5 स्वच्छ ईंधन का विकल्प के बारे में  है और इसमें हाइड्रोजन, गैस, बायोडीजल, इलेक्ट्रिक वाहन और इथेनॉल शामिल हैं.

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    वर्तमान में भारत में 4 वाहन परीक्षण केंद्र हैं जिनमें ओरागडम में GARC (ग्लोबल ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर), पीथमपुर में NATRAX (नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स), मानेसर में iCAT और पुणे में ARAI (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया) शामिल हैं.

    पिछले साल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने क्रैश टेस्ट में अपने प्रदर्शन के आधार पर वाहनों को स्टार रेटिंग देने का सुझाव दिया थ.। इस प्रणाली की शुरूआत का उद्देश्य भारतीय ऑटोमोबाइल को अधिक निर्यात-योग्य बनाना भी है.

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