'मेड इन इंडिया' मारुति सुज़ुकी स्विफ्ट को GNCAP क्रैश टेस्ट में मिली 2-स्टार रेटिंग
कार में ड्राइवर और को-ड्राइवर के सिर और गरदन के लिए बेहतर सुरक्षा उपकरण लगाए गए हैं. टैप कर जानें इसके बावजूद कौन से कारण है इस रेटिंग की असली वजह?
हाइलाइट्स
क्रैश टेस्ट कैम्पेन “भारत के लिए सुरक्षित कारें” के हिस्से के रूप में ग्लोबल न्यू कार असेस्मेंट प्रोग्राम (GNCAP) ने मेड इन इंडिया मारुति सुज़ुकी सिफ्ट के हालिया क्रैश टेस्ट का परिणाम साझा किया है. स्विफ्ट ने इस क्रैश टेस्ट में 5 स्टार में से निराशाजनक 2 स्टार रेटिंग हासिल की है. GNCAP का कहना है कि वयस्कों की सुरक्षा के लिहाज़ से यह कार कम सुरक्षित है. क्रैश टेस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि कार में बॉडीशेल अस्थिर पाई गई है. जहां कार में ड्राइवर और को-ड्राइवर के सिर और गरदन के लिए बेहतर सुरक्षा उपकरण लगाए गए हैं, लेकिन छाती और घुटने के लिहाज़ से टेस्ट के दौरान डैशबोर्ड के आगे की बनावट से खतरनाक टक्कर हुई है जो ट्रानफेसिआ ट्यूब के सपोर्ट में होती है.
मारुति सुज़ुकी स्विफ्ट के साथ डुअल-एयरबैग्स, सीट-बेल्ट प्री-टेंशनर के साथ आईसोफिक्स दिया है, लेकिन कार के साथ 4-चैनल वाला एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) नहीं दिया गया है जो इस निराशाजनक रेटिंग का सबसे बड़ा कारण है. नई स्विफ्ट को वयस्कों की सुरक्षा में 2-स्टार रेटिंग के साथ बच्चों की सुरक्षा के लिए भी 2-स्टार रेटिंग दी गई है.
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इस मामले में ग्लोबल NCAP सेक्रेटरी जनरल, डेविड वार्ड ने बताया कि, “भारत में बेची जाने वाली लेटेस्ट वर्ज़न स्विफ्ट काफी बेहतर हुई है और स्टैंडर्ड तौर पर डुअल एयरबैग्स दिया जाना काफी अच्छा फैसला है. यह भारत सरकार के नए क्रैश टेस्ट रेगुलेशन के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. लेकिन यूरोप और जापान में बेची जान वाली नई स्विफ्ट परफॉर्मेंस के मामले में कार को और बेहतर बनाया जा सकता है और हम चाहते हैं कि मारुति सुज़ुकी इस कार को और बेहतर और सुरक्षित बनाए.”
क्रैश टेस्ट में सामने आई रिपोर्ट की मानें तो टकराव की दशा में बच्चों के लिए पिछली सीट पर लगाई गई सीट पर बैठी डमी की छाती के लिए कम सुरक्षित पाया गया. इसके साथ ही डमी के सिर के लिए भी यह काफी असुरक्षित पाई गई है. भारतीय वर्ज़न स्विफ्ट में साइड बॉडी और कर्टन एयरबैग्स ऑफर नहीं किए जाते हैं, साथ ही कार में इलैक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल भी नहीं दिया गया है. ये सभी फीचर्स यूरापीय देशों में सामान्य तौर पर दिए जाते हैं ऐसे में कार को ऐसी रेटिंग मिली है.
मारुति सुज़ुकी स्विफ्ट के साथ डुअल-एयरबैग्स, सीट-बेल्ट प्री-टेंशनर के साथ आईसोफिक्स दिया है, लेकिन कार के साथ 4-चैनल वाला एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) नहीं दिया गया है जो इस निराशाजनक रेटिंग का सबसे बड़ा कारण है. नई स्विफ्ट को वयस्कों की सुरक्षा में 2-स्टार रेटिंग के साथ बच्चों की सुरक्षा के लिए भी 2-स्टार रेटिंग दी गई है.
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इस मामले में ग्लोबल NCAP सेक्रेटरी जनरल, डेविड वार्ड ने बताया कि, “भारत में बेची जाने वाली लेटेस्ट वर्ज़न स्विफ्ट काफी बेहतर हुई है और स्टैंडर्ड तौर पर डुअल एयरबैग्स दिया जाना काफी अच्छा फैसला है. यह भारत सरकार के नए क्रैश टेस्ट रेगुलेशन के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. लेकिन यूरोप और जापान में बेची जान वाली नई स्विफ्ट परफॉर्मेंस के मामले में कार को और बेहतर बनाया जा सकता है और हम चाहते हैं कि मारुति सुज़ुकी इस कार को और बेहतर और सुरक्षित बनाए.”
क्रैश टेस्ट में सामने आई रिपोर्ट की मानें तो टकराव की दशा में बच्चों के लिए पिछली सीट पर लगाई गई सीट पर बैठी डमी की छाती के लिए कम सुरक्षित पाया गया. इसके साथ ही डमी के सिर के लिए भी यह काफी असुरक्षित पाई गई है. भारतीय वर्ज़न स्विफ्ट में साइड बॉडी और कर्टन एयरबैग्स ऑफर नहीं किए जाते हैं, साथ ही कार में इलैक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल भी नहीं दिया गया है. ये सभी फीचर्स यूरापीय देशों में सामान्य तौर पर दिए जाते हैं ऐसे में कार को ऐसी रेटिंग मिली है.
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