ओला ने कोरोनावायरस रिलीफ फंड में दिए रु 8 करोड़
हाइलाइट्स
भारत के सबसे बड़ी मोबिलिटी प्लेटफॉर्म ओला ने घातक कोरोनावायरस का सामना करने के लिए और कदम उठाए हैं. अब तक कंपनी ने अपने चालकों के कल्याण पर ध्यान दिया था जो आजकल लॉकडॉउन में कैब नहीं चला पा रहे है. बीमारी के कई नकारात्मक प्रभाव समाज और अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहे है. अपने कदमों को आगे बढ़ाते हुए कंपनी ने अब सरकार को एक बड़ा योगदान दिया है. राष्ट्रीय स्तर कैब एग्रीगेटर ने कोरोनोवायरस के राहत उपायों का समर्थन करने के लिए PM CARES फंड में रु 5 करोड़ की राशी देने का एलान किया है. विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री राहत कोषों में भी ओला रु 3 करोड़ की रक्म देगी.
ओला ग्रुप के सह-संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा, “हम स्वास्थ्य कर्मियों से लेकर आवश्यक सामान पहुंचाने वालों तक, सैकड़ों हजारों अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों और विभिन्न फ्रंटलाइन सिविल सेवा कर्मियों की सेवाओं के लिए आभारी हैं, जो हमारे राष्ट्र के लोगों की मदद के लिए अपने कर्तव्य की सीमा से आगे जा रहे हैं. ओला में हम सरकार के प्रयासों का समर्थन करने और हमारे समुदायों की हर तरह से मदद करने की दिशा में काम करना जारी रखेंगे. ”
ओला फाउंडेशन, कंपनी की सामाजिक कल्याण शाखा ने हाल ही में ओला समूह के योगदान के माध्यम से देश भर में कैब, ऑटो-रिक्शा, और काली-पीली टैक्सी चालकों का समर्थन करने के लिए 'ड्राइव द ड्राइवर फंड' लॉन्च किया था. ये काम क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जा रहा है. ओला का कहना है कि कंपनी और उसके कर्मचारियों ने पहले ही इस काम के लिए रु 20 करोड़ दे दिए हैं. कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल ने भी फंड के लिए अपना 1 साल के वेतन ना लेने का फैसला किया है.
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