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ओला इलेक्ट्रिक ने बैटरी सेल के स्थानीय निर्माण के लिए पीएलआई समझौते पर हस्ताक्षर किए

ओला का कहना है कि वह 2023 से लिथियम-आयन स्लेस का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर देगी.
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित जुलाई 29, 2022

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हाइलाइट्स

    ओला इलेक्ट्रिक ने भारत में स्थानीय रूप से बैटरी सेल बनाने के लिए पीएलआई योजना के तहत भारी उद्योग मंत्रालय के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. दोनों पक्षों ने 28 जुलाई को समझौते पर हस्ताक्षर किए. ओला ने कहा कि वह पीएलआई योजना के तहत अधिकतम 20GWh क्षमता पाने वाली एकमात्र भारतीय EV कंपनी थी. कंपनी ने मार्च में पीएलआई योजना के लिए बोली लगाई थी.

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    ओला अपने बैटरी इनोवेशन सेंटर (आर एंड डी सेंटर) को अगले महीने खोलने के लिए तैयार है.

    ओला के सीईओ और संस्थापक भाविश अग्रवाल ने कहा, “आज, सेल निर्माण के लिए वैश्विक क्षमता का 90% चीन में है, और इस आयात निर्भरता को दूर करने के लिए स्थानीय रूप से निर्मित सेल तकनीक महत्वपूर्ण है. पीएलआई योजना भारत को आत्मनिर्भर बनाने और  इलेक्ट्रिक वाहनों के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं को स्थानीय बनाने में सहायक होगी. ओला में, सेल तकनीक को विकसित करने का हमारा रोडमैप तेजी से प्रगति कर रहा है."

    यह भी पढ़ें: ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर एस1 प्रो का रिव्यू, यहां पढ़ें

    कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में एनएमसी 2170 नामक अपने पहले स्वदेशी रूप से विकसित लिथियम-आयन सेल का खुलासा किया, जिसे 2023 से बड़े पैमाने पर उत्पादन में लगाने की योजना है. कंपनी बैटरी सेल निर्माण पर ध्यान देने के लिए एक नई 50 GWh गीगाफैक्टरी शुरु करने की प्रक्रिया में है. ओला ने कहा कि उसने कच्चे माल को पाने के लिए जर्मनी, कोरिया और जापान के सप्लायर्स को पहले ही शामिल कर लिया है.

    ओला अपने बैटरी इनोवेशन सेंटर (आर एंड डी सेंटर) को अगले महीने खोलने के लिए तैयार है, जिसका लक्ष्य भविष्य में उपयोग के लिए बैटरी तकनीक काम करना है.

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