फोक्सवैगन वर्टुस का रिव्यू: सबसे बड़ी कॉम्पैक्ट सेडान
हाइलाइट्स
देश में कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट में हाल ही में कई नए मॉडल आए हैं. कुछ महीने पहले आई स्कोडा स्लाविया और कुछ दिन पहले लॉन्च हुआ होंडा सिटी का हायब्रिड मॉडल. यानि मारुति सियाज़ और ह्यून्दे वर्ना को मिली एक नई चुनौती. अब बारी है फोक्सवैगन की जो अपनी नई पेशकश वर्टुस के साथ तैयार है. हम पहुंचे पंजाब इस नई कार की सवारी करने और हमारे पास थे इसके दोनो इंजन विकल्प - 1.0 लीटर और 1.5 लीटर, दोनो ही ऑटोमौटिक गियरबॉक्स के साथ.
डिज़ाइन
कार पर क्रोम का अच्छा इस्तेमाल है, चाहे वह साइड में हो या चेहरे पर.
कार पर क्रोम का अच्छा इस्तेमाल है, चाहे वह साइड में हो या चेहरे पर. लेकिन 1.0-लीटर और 1.5-लीटर वर्टुस के बीच दिखने में कुछ अंतर भी है. 1.5-लीटर वर्टुस की ग्रिल पर, साइड में और यहां तक कि पीछे की तरफ जीटी बैजिंग मिलती है. अलॉय व्हील दोनों में ही 16-इंच के हैं लेकिन 1.5-लीटर में इनको काला रंग मिलता है. यहीं पर आपको डुअल टोन रंग विकल्प भी मिल जाएगा काली छत और शीशों के साथ जो बढ़िया दिखता है. पिछले हिस्से में स्पॉयलर में भी फर्क देखा जा सकता है.
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बेशक वर्टुस एक स्पोर्टी दिखने वाली कार है.
इसकी एलईडी हेडलैंप हों या एल-आकार की डीआरएल सभी इसके लुक को निखारते हैं. हमारी इन दो कारों पर वाइल्ड चेरी रेड और कार्बन स्टील ग्रे रंग बढ़िया दिखे, वहीं कार को टाइगुन का येल्लो रंग और एक नया नीला विकल्प भी मिला है. चौड़े एयर डैम, फॉग लैंप और स्लोपिंग रुफ भी कार के आकर्षण को बढ़ाने में मदद करते हैं. कार स्लाविया के ही प्लेटफॉर्म पर बनी है और दोनो में बहुत समानताएं भी हैं लेकिन कहना होगा वर्टुस का लुक थोड़ा बेहतर है.
कैबिन
दोनो मॉडलों के कैबिन लगभग समान हैं, हां 1.5 लीटर के वाइल्ड चैरी रेड के डैशबोर्ड पर लाल रंग का इस्तेमाल किया गया है. कार में 10.1-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम और डिजिटल कस्लटर मिल जाता है, साथ ही सनरूफ और वेंटिलेटेड सीटें भी दी गई हैं, लेकिन ज़्यादातर फीचर आपको सबसे महंगे ट्रिम पर ही मिलेंगे. यहां वायरलेस एप्पल कारप्ले और एंड्राइड ऑटो के साथ-साथ वायरलेस चार्जिंग भी दी गई है. साथ ही कई सारे फीचर्स के साथ यहां फोक्सवैगन कनेक्ट की पेशकश भी की गई है. टाइगुन की तरह ही वर्टुस भी 3 ट्रिम में आई है.
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सभी सीटों पर थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट और एडजस्टेबल हेडरेस्ट दिए गए हैं.
साइज़ की बात करें तो कार अपने सेगमेंट में सबसे लंबी और चौड़ी है. लेकिन क्या इसका मतलब है कि दूसरी रो में बढ़िया स्पेस है? जी हां, क्योंकि यहां अच्छी मात्रा में हेड रूम है और पर्याप्त लेग स्पेस भी. सीटें भी काफी आरामदायक हैं, और आपको यहां एक सेंटर आर्म रेस्ट भी मिलता है. साथ ही यहां दूसरी पंक्ति के यात्रियों के लिए ऐसी वेंट और दो टाइप सी चार्जिंग पोर्ट भी मिलते हैं. यहां तीन यात्रियों को एक साथ बैठने में कुछ परेशानी हो सकती है, लेकिन सभी सीटों पर थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट और एडजस्टेबल हेडरेस्ट दिए गए हैं. अगर आप एक लंबे सफर की तैयारी में हैं, तो आपके पास है 521 लीटर का बूट स्पेस जो सेगमेंट में सबसे बढ़िया है. दूसरी रो गिराकर यह आंकड़ा 1,050 लीटर तक चला जाता है.
इंजन
1.0 लीटर मॉडल पर 6-स्पी़ड मैनुअल या 6-स्पी़ड ऑटो गियरबॉक्स के विकल्प हैं.
शुरुआत करते हैं कार के छोटे और सस्ते 1.0 लीटर मॉडल से. इसका 999 सीसी पेट्रोल इंजन 5,000- 5,500 आरीपएम के बीच 114 बीएचपी और 1,750- 4,500 आरीपएम के बीच 178 एनएम बनाता है. यहां 6-स्पी़ड मैनुअल या 6-स्पी़ड ऑटो गियरबॉक्स के विकल्प हैं और हम सवारी कर रहे हैं ऑटोमैटिक की. शहर में चलाने के लिए यह इंजन सटीक लगता है और कैबिन में शोर भी काफी कम आता है. इन-गियर एक्सीलरेशन तेज़ है और इंजन हमेशा एक दमदार एहसास देता है. हाईवे पर भी, कार तीन अंकों की रफ्तार तक काफी आराम से पहुंच जाती है और लंबे समय तक वहां रह सकती है. 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर में गियर तेज़ी से बदलते हैं और आपको स्टीयरिंग व्हील के पीछे पैडल शिफ्टर्स भी दिए गए हैं जो ड्राइव अनुभव को बेहतर बनाते हैं.
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कार सेगमेंट में सबसे ज़्यादा ताकतवर होने का दावा कर रही है.
वर्टुस के बड़े इंजन पर मामला कुछ अलग है. यहां केवल एक 7-स्पीड डीएसजी गियरब़क्स का विकल्प है और कार सेगमेंट में सबसे ज़्यादा ताकतवर होने का दावा कर रही है. यह 1,498 सीसी इंजन 5,000- 6,000 आरपीएम पर 148 बीएचपी और 1,600- 3,500 आरपीएम पर 250 एनएम बनाता है. यहां तो चलाने के मज़ा और भी बढ़ जाता है और अगर आप कार को स्पोर्ट मोड में डाल दें तो फिर बात ही क्या. 1.5-लीटर में सिलेंडर डीएक्टिवेशन तकनीक भी दी गई है जो बेहतर माइलेज पाने में मदद करती है. कंपनी कार के हर वेरिएंट पर कम से कम 18 किमी प्रति लीटर के माइलेज का दावा कर रही है.
राइड और हैंडलिंग
हाइवे पर बढ़िया संतुलन मिलता जो तेज़ रफ्तार पर भी भरोसे को कायम रखता है.
चूंकि वर्टुस कंपनी के MQB-A0-IN प्लेटफॉर्म पर बनी है इसका सस्पेंशन भारतीय सड़कों के हिसाब से तैयार किया गया है और हमने इसको हर तरीके से परखा. खराब सड़कों पर भी यह आपको निराश नही करता जो बहुत अच्छी बात है. कार की हैंडलिंग भी शानदार है. हाइवे पर भी बढ़िया संतुलन मिलता जो तेज़ रफ्तार पर भी भरोसे को कायम रखता है, यही हाल मुढ़ते वक्त भी रहता है और कार अपने चलने के तरीके से काफी प्रभावित करती है. स्टीयरिंग शहर में ड्राइविंग के लिए उपयुक्त है और जब रफ्तार बढ़ती है तो इसका वजन भी बढ़ जाता है.
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सुरक्षा
सुरक्षा फोक्सवैगन के लिए हमेशा से अहम रही है और वर्टुस को बहुत सारी सुरक्षा दी गई है. आपको 40 से अधिक फीचर्स मिलते हैं जिनमें 6-एयरबैग, मल्टी-कोलिज़न ब्रेक और टायर प्रेशन वॉर्निंग सिस्टम शामिल है. इसके अलावा ईएससी और आसान पार्किंग के लिए कैमरा भी मिल जाता है. साथ ही ISOFIX चाइल्ड सीट माउंट तो हैं ही जो बहुत काम की चीज़ हैं.
फैसला और कीमतें
हमें लगता है कीमतें रु 10.49 और रु 18 लाख (एक्स-शोरूम, भारत) के बीच होंगी.
कंपनी कार की कीमतों का ऐलान 9 जून, 2022 को करेगी और यह देखना दिलजस्प होगा की सेगमेंट में बिकने वाली बाकी कारों के मुकाबले यह कितनी सस्ती या महंगी होगी. फोक्सवैगन वर्टुस को एक प्रिमीयम कार के रूप में पेश कर रही है जिसका मतलब है यह थोड़ी महंगी हो सकती है. हमें लगता है कीमतें रु 10.49 और रु 18 लाख (एक्स-शोरूम, भारत) के बीच होंगी. फीचर्स और लुक्स के मामले में कार यकीनन शानदार है और दो ताकतवर इंजन अनुभव को बेहतर बनाते हैं. लगता है कंपनी ने एक बार फिर सही दांव खेला है.