सिट्रॉएन इंडिया 2024 के अंत तक भारत में अपने नेटवर्क को 200 टचप्वाइंट तक बढ़ाएगा
हाइलाइट्स
- Citroen India के वर्तमान में पूरे भारत में लगभग 58 आउटलेट हैं
- कंपनी नेटवर्क को 400% तक बढ़ाएगी
- यह विस्तार शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण बाजारों के 140 क्षेत्रों में होगा
सिट्रॉएन इंडिया ने अपने नेटवर्क विस्तार योजना की घोषणा की है, जिसमें कंपनी के पास इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक देश में 200 टचप्वाइंट होंगे. फ्रांसीसी कार निर्माता का लक्ष्य भारत के शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण बाजारों में 140 से अधिक क्षेत्रों में अपनी डीलरशिप का विस्तार करना है. अभी, कंपनी की पूरे भारत में लगभग 58 डीलरशिप हैं, और नए नेटवर्क विस्तार कार्यक्रम से कंपनी को भारत में अपनी पहुंच 400 प्रतिशत तक बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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नेटवर्क विस्तार पर टिप्पणी करते हुए, सिट्रॉएन इंडिया के ब्रांड निदेशक, शिशिर मिश्रा ने कहा, “हम उपभोक्ताओं के लिए सिट्रॉएन को आक्रामक रूप से उपलब्ध कराना चाहते हैं और अपने मॉडलों की क्षमता को टियर I/टियर II शहरों से आगे बढ़ाना चाहते हैं. हमारा ध्यान टियर III और यहां तक कि टियर IV बाजारों तक फैला हुआ है, जिन्हें रणनीतिक रूप से टियर I और टियर II शहरों से निकटता और पर्याप्त विकास की उनकी क्षमता के लिए चुना गया है. इन बाजारों में क्वालिटी मॉडलों और सर्विस तक बेहतर पहुंच के लिए उत्सुक उपभोक्ता आधार बढ़ रहा है. इन क्षेत्रों में निवेश करके, हमारा लक्ष्य न केवल उभरते अवसरों का लाभ उठाना है, बल्कि छोटे शहरी केंद्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देना, विविध भौगोलिक परिदृश्यों में समृद्धि और समावेशिता को बढ़ावा देना है.
कारों के बढ़ते पोर्टफोलियो को देखते हुए नेटवर्क विस्तार योजना कंपनी के लिए एक बड़ा कदम है. सिट्रॉएन के भारत में पहले से ही चार मॉडल बिक्री पर हैं - C3 हैच, eC3, C3 एयरक्रॉस और C5 एयरक्रॉस, और अब वह अपनी अगली पेशकश, सिट्रॉएन C3X के लिए तैयारी कर रहा है. आने वाली कूपे क्रॉसओवर सेडान को कई मौकों पर भारत में टैस्टिंग के दौरान देखा गया है और इसे 2025 में लॉन्च किया जाना है.
इस साल की शुरुआत में जनवरी 2024 में, स्टेलेंटिस ग्रुप ने सिट्रॉएन ब्रांड के तहत तमिलनाडु में ₹2,000 करोड़ के अतिरिक्त निवेश की घोषणा की थी. यह राज्य में कंपनी का दूसरा बड़ा निवेश है, जिसमें अब तक ₹1,250 करोड़ का निवेश हो चुका है. कंपनी ने कहा था कि इस फंड का इस्तेमाल चेन्नई टेक सेंटर में पूंजीगत व्यय और अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के लिए किया जाएगा.