सरकारी अफसरों ने इलैक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से किया इनकार, EESL के अंतर्गत है स्कीम
सरकारी अफसरों के लिए साधारण वाहनों की जगह इन कारों को मुहैया कराया जा रहा है. बहरहाल, ये कदम अब थोड़ी उलझन में दिखाई दे रहा है. जानें क्या है उलझन?
हाइलाइट्स
राज्य सरकारों द्वारा चलाई जाने वाली एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लि. (EESL) महिंद्रा और टाटा की इलैक्ट्रिक कारें उपलब्ध कराते हुए भारत में इलैक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ने का सार्थक कदम है. सरकारी अफसरों के लिए साधारण वाहनों की जगह इन कारों को मुहैया कराया जा रहा है. बहरहाल, ये कदम अब थोड़ी उलझन में दिखाई दे रहा है क्योंकि भारत सरकार के सीनियर अफसरों ने रोज़ाना उपयोग के लिए इन इलैक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल करने से मना कर दिया है. लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार नाम ना बताने की शर्त पर एक सरकारी सूत्र ने बताया कि, EV इस्तेमाल ना किए जाने की एक वजह कार का खराब प्रदर्शन और कम बैटरी रेन्ज भी है. सीनियर अफसरों ने इन्हें चलाने से मना कर दिया है. यह भारत सरकार के 2030 तक भारत में पूरी तरह वाहनों के इलैक्ट्रिफिकेशन के लक्ष्य के साथ ही घट रही घटना है.
पहले पड़ाव में EESL ने टाटा मोटर्स को 350 यूनिट और महिंद्रा को 150 यूनिट EV बनाने का टेंडर दिया. दूसरे पड़ाव में कुल 9500 यूनिट इलैक्ट्रिक वाहनों की डिलिवरी करनी थी, उसमें से 40 प्रतिशत महिंद्रा उपलब्ध करा रही है. सूत्र की मानें तो 1 बार फुल चार्ज किए जाने पर टाटा टिगोर EV और महिंद्रा ई-वेरिटो सिटी लिमिट पर 80-82 किमी तक चलने में भी असमर्थ हैं. ग्लोबल स्टैंडर्ड से तुलना करने पर कार में लगी बैटरी पर्याप्त क्षमता वाली नहीं है. फिलहाल दोनों ही कारों में ग्लोबल मानक 27-35 kW के मुकाबले 17 kW बैटरी दी गई है. कंपनी ने जो दावा किया है उससे ये कारें कम रेन्ज मिलिट वाली हैं.
ये भी पढ़ें : जर्मन एमिशन मामले में ऑडी के चीफ एग्ज़िक्यूटिव रुपर्ट स्टैडलर गिरफ्तार
EESL का कहना है कि 150 से ज़्यादा कारें दिल्ली और आंध्र प्रदेश की सड़कों पर चलाई जा रही हैं. EESL के एक प्रवक्ता ने कहा कि, “जब से यह नई तकनीक आई है, हम अपने ग्राहकों को ये कार डिलिवर करने से पहले उनका विश्वास जीतना चाहते हैं. हम जुलाई के मध्य तक 200-250 इलैक्ट्रिक वाहना और मुहैया कराएंगे.” इस मुद्दे पर बात करते हुए टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा कि, “EESL के साथ हमारे टेंडर में हमने 250 कारें तैयार कर ली हैं, ये EV अगले पड़ाव की पूर्ती के लिए है. हम भारत सरकार के 2030 तक वहनों के इलैक्ट्रिफिकेशन के लिए तत्पर हैं.”
EESL के पहले 10,000 इलैक्ट्रिक वाहनों के टेंडर के बाद एक और टेंडर निकाला गया है जो 10,000 इलैक्ट्रिक कारों का है और इसी साल मार्च में पास किया गया था, लेकिन भारत में चार्जिंग की व्यवस्था के मद्देनज़र इसे फिलहाल आगे बढ़ा दिया गया है. सूत्रों का यह भी कहना है कि बड़े अधिकारियों ने इन वाहनों का इस्तेमाल करने से इसीलिए मना कर दिया है क्योंकि वाहनों का ये इलैक्ट्रिकफिकेशन बेहतर क्वालिटी की कारों पर नहीं किया गया है. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि महिंद्रा वाहनों की बैटरी रेन्ज को उन्नत बनाने में लग गई है.
पहले पड़ाव में EESL ने टाटा मोटर्स को 350 यूनिट और महिंद्रा को 150 यूनिट EV बनाने का टेंडर दिया. दूसरे पड़ाव में कुल 9500 यूनिट इलैक्ट्रिक वाहनों की डिलिवरी करनी थी, उसमें से 40 प्रतिशत महिंद्रा उपलब्ध करा रही है. सूत्र की मानें तो 1 बार फुल चार्ज किए जाने पर टाटा टिगोर EV और महिंद्रा ई-वेरिटो सिटी लिमिट पर 80-82 किमी तक चलने में भी असमर्थ हैं. ग्लोबल स्टैंडर्ड से तुलना करने पर कार में लगी बैटरी पर्याप्त क्षमता वाली नहीं है. फिलहाल दोनों ही कारों में ग्लोबल मानक 27-35 kW के मुकाबले 17 kW बैटरी दी गई है. कंपनी ने जो दावा किया है उससे ये कारें कम रेन्ज मिलिट वाली हैं.
ये भी पढ़ें : जर्मन एमिशन मामले में ऑडी के चीफ एग्ज़िक्यूटिव रुपर्ट स्टैडलर गिरफ्तार
EESL का कहना है कि 150 से ज़्यादा कारें दिल्ली और आंध्र प्रदेश की सड़कों पर चलाई जा रही हैं. EESL के एक प्रवक्ता ने कहा कि, “जब से यह नई तकनीक आई है, हम अपने ग्राहकों को ये कार डिलिवर करने से पहले उनका विश्वास जीतना चाहते हैं. हम जुलाई के मध्य तक 200-250 इलैक्ट्रिक वाहना और मुहैया कराएंगे.” इस मुद्दे पर बात करते हुए टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा कि, “EESL के साथ हमारे टेंडर में हमने 250 कारें तैयार कर ली हैं, ये EV अगले पड़ाव की पूर्ती के लिए है. हम भारत सरकार के 2030 तक वहनों के इलैक्ट्रिफिकेशन के लिए तत्पर हैं.”
EESL के पहले 10,000 इलैक्ट्रिक वाहनों के टेंडर के बाद एक और टेंडर निकाला गया है जो 10,000 इलैक्ट्रिक कारों का है और इसी साल मार्च में पास किया गया था, लेकिन भारत में चार्जिंग की व्यवस्था के मद्देनज़र इसे फिलहाल आगे बढ़ा दिया गया है. सूत्रों का यह भी कहना है कि बड़े अधिकारियों ने इन वाहनों का इस्तेमाल करने से इसीलिए मना कर दिया है क्योंकि वाहनों का ये इलैक्ट्रिकफिकेशन बेहतर क्वालिटी की कारों पर नहीं किया गया है. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि महिंद्रा वाहनों की बैटरी रेन्ज को उन्नत बनाने में लग गई है.
# Energy Efficiency Service Limited# EESL# Mahindra Electric# Tata Motors# EESL Tata Motors# electric cars# electric mobility# Tata Tigor Electric car# Mahindra e-Verito# Electric vehicles# car
Stay updated with automotive news and reviews right at your fingertips through carandbike.com's WhatsApp Channel.
पुरानी कारों पर शानदार डील
सभी यूज़्ड कार देखें8.2
2020 मारुति सुजुकी अर्टिगा
- 48,016 km
- पेट्रोल
- मैन्युअल
Rs. 7.9 लाख
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi
7.0
2014 टोयोटा कोरोला ऑल्टिस
- 1,10,000 km
- पेट्रोल
- मैन्युअल
Rs. 7.5 लाख
Auto Elite Defence Colony, New Delhi
7.1
2015 टोयोटा कोरोला ऑल्टिस
- 75,000 km
- पेट्रोल
- आटोमेटिक
Rs. 7.5 लाख
Auto Elite Defence Colony, New Delhi
6.9
2014 ह्युंडई इलैंट्रा
- 98,000 km
- पेट्रोल
- आटोमेटिक
Rs. 5.25 लाख
Auto Elite Defence Colony, New Delhi
8.3
2019 मारुति सुजुकी बलेनो
- 49,000 km
- पेट्रोल
- मैन्युअल
Rs. 6.5 लाख
Auto Elite Defence Colony, New Delhi
8.1
2018 ह्युंडई आई20 एक्टिव
- 42,189 km
- पेट्रोल
- मैन्युअल
Rs. 4.95 लाख
₹ 11,086/माह
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi
8.8
2022 मारुति सुजुकी ब्रेज़ा
- 5,903 km
- पेट्रोल
- मैन्युअल
Rs. 12 लाख
₹ 26,876/माह
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi
8.0
2017 मारुति सुजुकी सेलेरियो
- 38,983 km
- पेट्रोल
- एएमटी
Rs. 3.85 लाख
₹ 8,623/माह
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi
7.7
2015 मारुति सुजुकी अर्टिगा
- 73,790 km
- पेट्रोल
- मैन्युअल
Rs. 5.9 लाख
₹ 13,214/माह
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi
8.9
2021 ह्युंडई वेन्यू
- 13,870 km
- पेट्रोल
- मैन्युअल
Rs. 7.75 लाख
₹ 16,387/माह
INDRAPRASTHA AUTOMOBILES PVT. LTD. New Delhi