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रिव्यू: फोक्सवैगन टाइगुन 1.5 GT TSI कॉम्पैक्ट एसयूवी

जर्मन कार कंपनी फोक्सवैगन भारत में टाइगुन कॉम्पैक्ट एसयूवी लॉन्च करने के लिए तैयार है. हम कार के 1.5 टीएसआई वेरिएंट की सवारी करने पहुंचे उदयपुर.
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित अगस्त 9, 2021

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Story

हाइलाइट्स

    एक बहुत लंबे इंतज़ार के बाद फोक्सवैगन टाइगुन कॉम्पैक्ट एसयूवी अब भारत में लॉन्च के लिए तैयार है. हम कार के 1.5 टीएसआई वेरिएंट की सवारी करने पहुंचे उदयपुर. इसके साथ 1.0 टीएसआई भी लॉन्च किया जाएगा, लेकिन इसका रिव्यू हम बाद में करेंगे. हमारे साथ मौजूद थीं दो कारें जिनमें एक ही इंजन है लेकिन गियरबॉक्स अलग-अलग हैं और भले ही दोनों का नाम जीटी है, यह कई तरीकों से अलग हैं. वाइल्ड चेरी रेड टाइगुन 6-स्पीड मैनुअल है और करकुमा येलो है 7-स्पीड डीएसजी.

    डिज़ाइन

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    सीधे हुड और स्पोर्टी चेहरे के कारण आपको स्पष्ट रूप से पता चल जाएगा कि यह एक फोक्सवैगन है.

    यहां अच्छी स्टाइलिंग है जिसे देखकर आप तुरंत जान जाएंगे कि यह एक फोक्सवैगन है. अगर आप कंपनी के बैज को हटा दें तो सीधे हुड और स्पोर्टी चेहरे के कारण आपको स्पष्ट रूप से पता चल जाएगा कि यह एक फोक्सवैगन है. साथ ही SUV के आयाम भी अच्छे हैं, लेकिन यह जीटी लाइन जो केवल 1.5 लीटर इंजन के साथ आता है, वहां हमें एक बात ज़रूर अजीब लगी. यहाँ बहुत सारा क्रोम दिया गया है चाहे वो बम्पर हो या फिर दो स्लैट वाली ग्रिल. यहीं दोनो कारों में अंतर भी नज़र आता है.

    यह भी पढ़ें: फोक्सवैगन टाइगुन कॉम्पैक्ट SUV का उत्पादन अगस्त में होगा शुरू, लॉन्च जल्द

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    मैनुअल पर आपको 16 इंच के अलय व्हील मिलते हैं जबकि डीएसजी पर अलग डिज़ाइन के 17 इंच के पहिये हैं.  

    मैनुअल की ग्रिल में केवल निचले हिस्से में क्रोम है, साथ ही दोनो कारों में अलग तरह की डीआरएल दी गई हैं. डीएसजी में यह सबसे ऊपर हैं और मैनुअल में नीचे और इनका लुक भी इतना पैना नही है. डीएसजी में एक काले रंग की छत भी है, जो आपको मैनुअल में नहीं मिलती है.  मैनुअल में खिड़की के शीशों के नीचे क्रोम भी नही है और यहां आपको 16 इंच के अलय व्हील मिलते हैं जबकि डीएसजी पर अलग डिज़ाइन के 17 इंच के पहिये हैं. हमारे हिसाब से इतने फर्कों को देखते हुए दोनो का नाम जीटी लाइन नही होना चाहिए था, शायद मैनुअल 1.5 हाई लाइन हो सकती थी.

    यह भी पढ़ें: स्कोडा कुशक और फोक्सवैगन टाइगुन के साथ मिलेगा नया ‘प्ले' इंफोटेनमेंट सिस्टम

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    टाइगुन को एक लंबी एलईडी टेललाइट मिलती है जो इसकी पहचान बनेगी.  

    और भी बहुत कुछ है! DSG में आपको डुअल टोन रंग विकल्प भी मिलेगा, मैनुअल पर ऐसा नहीं है. हेडलाइट्स भी अलग हैं, DSG में यह फुल LED हैं. डीएसजी में दरवाजों के हैंडल पर क्रोम दिया गया है और मैनुअल में बॉडी के रंग के हैंडल लगे हैं. यहां रूफ रेल हैं, और दोनों को ही लंबी एलईडी टेललाइट मिलती है जो कि टाइगुन की पहचान बनेगी. कार के साइड में चलने वाली ड्यूल शोल्डर लाइन और सी-पिलर पर इसको अलग बनाते हैं.

    इंजन

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    1.5 लीटर पेट्रोल इंजन पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा चुका है. 

    हमारे पास जो कारें हैं दोनो तकरीबन एक जैसी लगती हैं, तब भी दोनो की अपनी खासियत है. 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा चुका है. यह रिफाइंड है और इसका रिस्पॉंस भी बढ़िया है. इसके आंकड़े एकदम स्कोडा कुशक जैसे हैं. 1,498 सीसी का यह इंजन 148 बीएचपी और 250 एनएम टॉर्क बनाता है जो 1,500 से 3,500 आरपीएम तक आपका साथ देता है. वहीं कार का 1.0 TSI इंजन बनाता है 113 बीएचपी. 1.5 में MQ281 मैनुअल गियरबॉक्स लगा है और ऑटो विकल्प में DQ200 7-डीएसजी दिया गया है.

    यह भी पढ़ें: फोक्सवैगन टाइगुन कॉम्पैक्ट SUV से हटा पर्दा, जानें इंजन, फीचर्स और लॉन्च के बारे में

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    डीएसजी में गियर तेज़ी से बदलते हैं, यह बहुत स्पोर्टी है और इंजन के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है.  

    मैनुअल पर आप कुछ लैग ज़रूर महसूस करेंगे लेकिन तेज़ी से गियर बदलने पर इसे छुपाया जा सकता है. कुल मिलाकर इसका प्रदर्शन काबिलेतारीफ है और रिस्पॉंस से भरा हुआ है. वहीं अगर डीएसजी की बात करें तो यह दुनियाभर में काफी लोकप्रिय है. इसमें गियर तेज़ी से बदलते हैं, यह बहुत स्पोर्टी है और इंजन के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है. अगर आप 1.5 खरीदने जा रहे हैं तो आप ऐसा बेहतर ताकत और प्रदर्शन के लिए कर रहे हैं, है ना? ऐसे में क्या आप एक ज़्यादा स्पोर्टी गियरबॉक्स नहीं चाहेंगे? हां इसकी कीमत आपको इससे दूर रख सकती है, लेकिन हकीकत में यह एक शानदार ड्राइवट्रेन है. डीएसजी पर ड्राइव, स्पोर्ट और मैनुअल विकल्प हैं और पैडल शिफ्टर्स मज़े को और बढ़ा देते हैं.

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    कार में हिल होल्ड फीचर स्टैंडर्ड है और यह चढ़ाई के दौरान काफी काम आता है.

    पहाड़ी सड़कों पर कभी-कभी बेहतर प्रदर्शन के लिए हमें गियर कम करने की ज़रूरत पड़ी. या ट्रांसमिशन को एस या स्पोर्ट्स मोड में शिफ्ट करने पर बात बनी और फिर प्रतिक्रिया बहुत तेज हो गई. कार में हिल होल्ड फीचर भी स्टैंडर्ड है और यह चढ़ाई के दौरान काफी काम आता है जब पूरी तरह रुकने पर भी कार पीछे की तरफ नही जाती. 1.5 TSI इंजन के साथ स्टार्ट स्टॉप तकनीक भी दी गई है जिसमें कार के रुकते ही इंजन बंद हो जाता है और क्लच दबते ही दोबारो शुरु हो जाता है. इससे कार को थोड़ा बेहतर माइलेज भी मिलता है. इसी काम में सिलेंडर डीएक्टीवेशन तकनीक भी मदद करती है जब ज़्यादा ज़ोर न होने पर 4 में से 2 सिलेंडर काम करना बंद कर देते हैं.

    यह भी पढ़ें: स्कोडा कुशक 1.0 TSI ऑटोमैटिक रिव्यूः मुकाबले और देसी ग्राहकों के लिए बनी

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    कार की सबसे बड़़ी खासियत जिसे लोग काफी पसंद करेंगे वो है इसकी शानदार सवारी.

    वीडब्ल्यू इंडिया ने अभी तक हमारे साथ माइलेज के आंकड़े साझा नहीं किए हैं. हमारा मानना है कि लंबे समय तक बढ़िया पर्फोर्मेंस के साथ कार आपको करीब 10 किमी/लीटर देगी, और समझदारी से चलाने पर यह आंकड़ा 14 के करीब होना चाहिए. लेकिन कार की सबसे बड़़ी खासियत जिसे लोग काफी पसंद करेंगे वो है इसकी शानदार सवारी. यह बिल्कुल सटीक है, न तो बहुत सख्त, और न ही बहुत नरम. इसके सस्पेंशन को भारतीय सड़कों के हिसाब से खूबसूरती से सेट किया गया है.

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    कुशक के समान होने के बावजूद, यहाँ सस्पेंशन की ट्यूनिंग कुछ बेहतर लगती है.

    टाइगुन निश्चित रूप से अच्छी तरह से ड्राइव करती है, और एक ठोस निर्माण महसूस कराती है, हालांकि कई अन्य वीडब्ल्यू जैसी ठोस नही. यह लागत को कम रखने के लिए एमक्यूबी ए0 प्लेटफॉर्म में किए गए कुछ बदलावों को कारण है. कार बढ़िया पकड़ देती है, लेकिन कभी-कभी तेज़ी से मुढ़ते कुछ फिसल सी जाती है. लेकिन यह आरामदेह है और इसकी स्टीयरिंग सटीक है. कुशक के समान होने के बावजूद, यहाँ सस्पेंशन की ट्यूनिंग कुछ बेहतर लगती है. कार उबड़-खाबड़ और टूटी सड़कों भी अच्छा प्रदर्शन करती है.

    सुरक्षा

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    कार उबड़-खाबड़ और टूटी सड़कों भी अच्छा प्रदर्शन करती है. 

    सुरक्षा की बात करें तो इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल या ईएससी के साथ ट्रैक्शन कंट्रोल कार में मानक है. पॉंचों यात्रियों के लिए 3-पॉइंट सीटबेल्ट भी मानक हैं जो बहुत ही सराहनीय कदम है. यही बात ISOFIX और दो एयरबैग के लिए भी है. टॉप एंड पर आपको 6 एयरबैग्स और मल्टी कोलिजन ब्रेक मिलते हैं. बढ़िया स्टील के इस्तेमाल का मतलब है कि कार में अच्छी दुर्घटना क्षमता होना चाहिए, हालांकि हमारे पास इसकी पुष्टि करने के लिए कोई टैस्ट परिणाम नहीं है. टाइगुन में आपको टायर प्रेशर सिस्टम और पिछले पार्किंग सेंसर भी मिल जाएंगे.

    कैबिन

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    कार की 10 इंच की टचस्क्रीन शानदार है और यह वायरलेस ऐप्पल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो के साथ चलती है.  

    यह स्पष्ट है कि कैबिन की बात आने पर इसकी कुशक के साथ तुलना की जाएगी और हम आपको जल्द ही इन 2 कारों के बीच एक मुकाबला दिखाएंगे, लेकिन कुछ फीचर हैं जो केवल टाइगुन में हैं. इसमें एक वर्चुअल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर मिलता है जो बहुत सारी जानकारी देता है और पढ़ने में आसान भी है. यहां आपको 3-स्पोक स्टीयरिंग व्हील भी मिल जाएगी जिसमें कई कंट्रोल दिए गए हैं. क्लाइमेंट कंट्रोल सिस्टम कुशक के समान है और कैपेसिटिव बटन के साथ इसका उपयोग करना अच्छा लगता है. कार की 10 इंच की टचस्क्रीन शानदार है और यह वायरलेस ऐप्पल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो के साथ चलती है. दो टाइप-सी यूएसबी स्लॉट के माध्यम से भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. यहां वायरलेस फोन चार्जिंग भी है और यह एक कनेक्टेड कार भी है.

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    एक तरह का सामान उपयोग करने के बावजूद टाइगुन का इंटीरियर कुशक की तुलना में थोड़ा प्रीमियम लगता है. 

    बाहर की तरह ही मैनुअल और डीएसजी वेरिएंट के केबिन भी कुछ मायनों में अलग हैं. वर्चुअल क्लस्टर केवल ऑटोमोटिक पर ही है और यही मामला स्टार्ट स्टॉप बटन के साथ भी है. यहां तक कि सनरुफ और ऑटो हेडलैंप भी सिर्फ डीएसजी पर ही दिए गए हैं. यह एक तरह से दुख की बात है कि वर्चुअल क्लस्टर मैनुअल पर नहीं मिलेगा. लेकिन यह आपको 1.0 के सबसे महंगे मॉडल पर मिल जाएगा. मैनुअल में यह ट्विन डायल के मानक VW लेआउट के साथ आता है जिनके बीच में एक स्क्रीन लगी है.

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    यहां वायरलेस फोन चार्जिंग भी है और यह एक कनेक्टेड कार भी है. 

    सिल्वर, लाल और कार्बन स्टील रंगों पर आपको लाल रंग की डैश पैनलिंग मिल जाएगी. हमें यह पसंद आया, हालांकि कुछ लोग सोच सकते हैं कि यह प्लास्टिक जैसा दिखता है. कुल मिलाकर, एक तरह का सामान उपयोग करने के बावजूद टाइगुन का इंटीरियर कुशक पर देखे गए प्लास्टिक की तुलना में थोड़ा प्रीमियम लगता है. कार में लाल एंबियंट लाइटिंग भी है, और सबसे महंगे मॉडल में वेंटिलेटेड सीट भी लगी हैं. हमें उम्मीद है कि ज़्यादातर फीचर 1.0 TSI मॉडल के टॉप ट्रिम पर भी दिए जाएंगे. लेकिन शायद बहुत कुछ निचले ट्रिम्स में दिखाई न दे.

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    पीछे की सीट को शानदार बैक एंगल, अंडर-थाई सपोर्ट और हेडरूम के लिए डिज़ाइन किया गया है.  

    टाइगुन का व्हीलबेस कुशाक के 2651 मिमी के समान है, और इसकी वजह से यहां लेगरूम और जगह का अच्छा एहसास है. यह सेगमेंट में सबसे अच्छा व्हीलबेस है. कार की लंबाई 4,221 मिमी और चौड़ाई 1,760 मिमी. पिछली सीट पर तीन लोगों के लिए जगह काफी तंग हो जाती है, हालांकि बीच में टन्नल ज़्यादा उठा हुआ नहीं है. बेहतर होगा कि यहां दो लोग बैठें और आर्म रेस्ट का इस्तेमाल करें. पीछे की सीट को शानदार बैक एंगल, अंडर-थाई सपोर्ट और हेडरूम के लिए बहुत अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया है. यह 60:40 के अनुपात में मुढ़ भी जाती है. कंपनी की तरफ से बूट स्पेस की जानकारी अभी नहीं दी गई है.

    कीमतें

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    हमारी राय में टाइगुन का 1.0 लीटर मॉडल रु 9.99 लाख लाख (एक्स-शोरूम) से शुरू होना चाहिए.  

    अब कीमतों के सभी अहम सवाल पर. हमें लगता है कि वीडब्ल्यू को अपनी यूरोपीय मानसिकता से बाहर निकलने और केवल भारत के बारे में सोचने की जरूरत है. हमारी राय में टाइगुन का 1.0 लीटर मॉडल रु 9.99 लाख लाख (एक्स-शोरूम) से शुरू होना चाहिए. लेकिन हकीकत में कीमतें कुशाक जैसी हो सकती हैं. यानी 1.0 लीटर के लिए रु 10.5 से रु 16 लाख के बीच. आज हमने आपको जिन दो कारों के बारे में बताया, उनकी कीमतें रु 16 से रु 18 लाख तक हो सकती हैं. कार सितंबर के मध्य में लॉन्च होगी, और तभी सही कीमतें सामने आएंगी. अच्छी खबर यह है हम 1.0 की ड्राइव जल्द ही करेंगे और आपको इसके प्रदर्शन और फीचर्स के बारे में सारी जानकारी देंगे.

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    Last Updated on August 9, 2021


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