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एथर एनर्जी ने 10 लाख वाहन बनाने का रखा लक्ष्य, मांग के आधार पर करेगी फैसला

पिछले साल भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री पांच गुना से अधिक बढ़ गई, क्योंकि उच्च ईंधन की कीमतों ने खरीदारों को विकल्प तलाशने के लिए प्रेरित किया और सरकारी सब्सिडी इलेक्ट्रिक और गैसोलीन मॉडल के बीच कीमत के अंतर को कम करती है.
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित जनवरी 29, 2022

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Story

हाइलाइट्स

    एथर एनर्जी स्टार्टअप के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने Reuters को बताया कि एथर एनर्जी जो कि राजस्व के हिसाब से भारत की शीर्ष इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता है, अगले तीन वर्षों में वार्षिक उत्पादन को एक मिलियन स्कूटर तक बढ़ाने के लिए धन जुटा रही है. तरुण मेहता ने एक साक्षात्कार में कहा कि एथर, जो टाइगर ग्लोबल और भारतीय बाइक निर्माता हीरो मोटोकॉर्प को निवेशकों के रूप में देखती है, ने 2013 में अपनी स्थापना के बाद से लगभग 12 अरब रुपये (160 मिलियन डॉलर) जुटाए हैं और अधिक जुटाने की प्रक्रिया में है.

    मेहता ने कहा, "हमारी योजना अधिक पूंजी जुटाने और ब्रांड को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की नहीं थी, लेकिन इलेक्ट्रिक की मांग जिस तरह बढ़ी है और जिस गति से आपूर्ति श्रृंखला और क्षमताओं को पूरा करने की जरूरत है, वह एक साल पहले की तुलना में बहुत तेज है." 

    यह भी पढ़े : हीरो मोटोकॉर्प ने एथर एनर्जी में ₹ 420 करोड़ के नए निवेश की घोषणा की

    हालांकि, उन्होंने कंपनी द्वारा कितना धन जुटाने लक्ष्य तय किया गया है इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. योजनाओं की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि एथर लगभग 133 मिलियन डॉलर की तलाश में है. इसमें से वह पहले ही हीरो से 56 मिलियन डॉलर जुटा चुकी है.

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    एथर एनर्जी वर्तमान में दो मॉडलों को पेश करती है  जिसमें 450 प्लस और 450X का नाम शामिल है

    पिछले साल भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री पांच गुना से अधिक बढ़ गई, क्योंकि उच्च ईंधन की कीमतें खरीदारों को दूसरे विकल्प तलाशने के लिए प्रेरित करती रही हैं और इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकारी सब्सिडी ने भी ग्राहकों को गैसोलीन मॉडल के मुकाबले ईवी की तरफ मुड़ने पर मजबूर कर दिया है जो कि एक अच्छी बात है. 

    फिर भी, इलेक्ट्रिक मॉडल 2021 में 14.5 मिलियन की कुल भारतीय मोटरसाइकिल और स्कूटर की बिक्री का सिर्फ 1 प्रतिशत हिस्सा ही बन सका है. सरकार चाहती है कि देश में 2030 तक 40% तक बिक्री इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच जाए, क्योंकि भारत सरकार तेल आयात बिल को कम करने और प्रदूषण पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है.

    एथर, सॉफ्टबैंक ग्रुप-समर्थित ओला इलेक्ट्रिक जैसे स्टार्टअप्स से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच अपने बचाव के लिए जमा पूंजी भी इकठ्ठी कर रही है, गौरतलब है कि कि हाल ही में ओला ने $ 200 मिलियन जुटाए, साथ ही साथ कंपनी की अब भारत में टक्कर अन्य पारंपरिक बाइक निर्माता जैसे हीरो, बजाज ऑटो और टीवीएस से भी होगी, जो अपने स्वच्छ गतिशीलता योजनाओं को तेज कर रहे हैं.

    मेहता ने कहा कि अगले तीन वर्षों में एथर की योजना अपने उत्पादन को बढ़ाने की है और 2022 के अंत तक अपनी वार्षिक उत्पादन क्षमता को 400,000 से बढ़ाकर 10 लाख स्कूटर करने, पूरे भारत में 5,000 फास्ट चार्जर लगाने, नए उत्पाद विकसित करने और अपने नेटवर्क को 600 स्टोर तक बढ़ाने की है.

    भारत के उभरते इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के लिए सबसे बड़ी चुनौती सप्लाय चेन को बढ़ाना और सप्लायकर्ताओं को मोटर और कंट्रोलर जैसे इलेक्ट्रॉनिक घटकों में समय से पहले निवेश करने के लिए राजी करना है.

    s32a1vaoमांग बढ़ने के कारण एथर पिछले वर्ष की तुलना में तेजी से विस्तार कर रहा है

    उन्होंने कहा "मांग बड़े पैमाने पर है, और भारतीय बाजार में आपूर्ति बाधित है." 

    एथर वर्तमान में एक महीने में लगभग 5,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाती है और अपने लिथियम-आयन बैटरी पैक भी बनाती है. मेहता को उम्मीद है कि छोटे शहरों से मांग बढ़ने से 2022 में हर महीने 20,000 स्कूटर का उत्पादन होगा.

    उनका दृष्टिकोण लंबे समय तक उन व्यवसायों में निवेश करने का है जो स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने में मदद करते हैं.

    उन्होंने कहा "अगली चीज जो मुझे उत्साहित करती है वह है ट्रक और बसें - यह मात्रा में कम हैं लेकिन भारी ऊर्जा खपत करते हैं."
     

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