रेनॉ ट्राइबर AMT का रिव्यूः छोटे परिवार के लिए पैसा वसूल है ये MPV
हाइलाइट्स
लॉन्च होने के साल भर में ही 40,000 यूनिट बिक्री के साथ रेनॉ ट्राइबर काफी बेहतर बिकने वाली कार बन गई है. और मज़ेदार बात ये है कि ट्राइबर ने ये काम सिर्फ एक इंजन और एक गियरबॉक्स के साथ कर दिखाया है, जबकि, अन्य कारें कई इंजन और बहुत से ट्रांसमिशन विकल्पों के साथ बाज़ार में उपलब्ध हैं. रेनॉ ट्राइबर लोगों की सभी ज़रूरतों को पूरा करने वाली सवारी है, ये छोटे आकार की है, समझदार होने के साथ काफी जगह वाली कार है. इसे देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि ट्राइबर रेनॉ को कितना अच्छा परिणाम दे रही है.
इंजन की जानकारी
ट्राइबर के साथ समान 1.0-लीटर तीन-सिलेंडर पेट्रोल इंजन मिला है जो 71 बीएचपी ताकत 6,250 आरपीएम पर हासिल करता है और 3,500 आरपीएम पर 96 न्यूटन मीटर टॉर्क जनरेट करने लगता है. रेनॉ का दावा है कि ट्राइबर AMT का माइलेज 18.29 किमी प्रति लीटर है जो इसके मैन्युअल वेरिएंट से थोड़ा कम है. और ये छोटा सा समझौता है. माइलेज में मामूली गिरावट के साथ अधिक आरामदायक ड्राइविंग पेश की गई है. 5-स्पीड AMT को छोड़कर ट्राइबर का बाकी सारा ब्यौरा पहले जैसा ही रखा गया है.
AMT गियरबॉक्स का प्रदर्शन
बाकी सभी AMT कारों की तरह ट्राइबर के साथ AMT या कहें तो ईज़ी-आर दिया गया है जो 5-स्पीड यूनिट है और इसके गियर काफी आसानी से बदलते हैं. हालांकि ये प्रक्रिया थोड़ी धीमी है, लेकिन जब आप सामान्य शहरी रफ्तार में इस कार को चलाते हैं तो ये कोई बड़ी समस्या नहीं बनता. लेकिन जब किसी धीमी रफ्तार वाले वाहन को ओवरटेक करना हो तो इसके लिए आपको प्लान बनाना पड़ता है. एक और अच्छी बात ये है कि अगर आप तुरंत ज़्यादा गति पकड़ना चाहते हैं तो इसके गियर को मैन्युअल ट्रांसमिशन की तरह बदल सकते हैं.
Kwid के साथ मिले रोटरी नॉब से अलग, ट्राइबर AMT में गियर बदलने का काम बहुत आसानी से हो जाता है और ड्राइव मोड्स, रिवर्स और न्यूट्रल में बदलते वक्त चालक को AMT वाला एहसास होता है. ट्राइबर AMT के साथ क्रीप फंक्शन भी दिया गया है, इसका मतलब है जब कार ड्राइव मोड पर होगी, तब ब्रेक पैडल से पैर हटाते ही ये धीमी रफ्तार में आगे बढ़ने लगेगी. ये तब फायदेमंद साबित होगा जब आप बंपर टू बंपर ट्रैफिक में कार चला रहे हों.
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रेनॉ ट्राइबर के मैन्युअल वेरिएंट में मिला 1-लीटर इंजन काफी बेहतर है और ये इंजन AMT वेरिएंट में भी बहुत अच्छी तरह काम करता है. ये इंजन मिड-रेन्ज और टॉप रेन्ज में पर काफी तेज़ी से रफ्तार पकड़ता है और इसे चलाने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता और सफाई से ये कार सड़क पर भागती रहती है. कार की राइड क्वालिटी पहले की तरह लचीली है जो अच्छी बात है, हालांकि इसकी स्टीयरिंग थोड़ी सख़्त और बेहतर हो सकती थी, लेकिन यहां हम इसकी शिकायत नहीं कर रहे हैं.
डिज़ाइन और उपयोगिता
दिखने में रेनॉ ने ट्राइबर AMT को पहले जैसा ही रखा है, जो छोटे लेकिन बेहतर प्रपोर्शन, दमदार कद और चौड़ाई के साथ आती है. कार का अंदरूनी हिस्सा ही काफी जगह वाला और हवादार है जिसमें पर्याप्त जगह के साथ बड़ी खिड़कियां मिलती हैं. ट्राइबर का सबसे बड़ा फायदा है कि ये बैठने के लिए कई तरह की व्यवस्था के साथ आती है.
आप इसकी पिछली सीट को पूरी तरह हटाकर सामान के लिए खूब सारी जगह बना सकते हैं. और भी ज़्यादा जगह चाहिए तो आप MPV की बीच वाली रो को भी फोल्ड किया या सकता है. इससे ट्राइबर काफी सारे काम में इस्तेमाल की जाने वाली उपयोगी कार बनती है.
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मैन्युअल वेरिएंट की तरह ट्राइबर AMT के साथ फीचर्स भी समान दिए गए हैं. इनमें कूल्ड ग्लवबॉक्स, 8-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम के साथ एप्पल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो और पिछले हिस्से में एसी वेंट्स जैसे फीचर्स सामान्य रूप से शामिल हैं जो आरएक्सएल और उससे महंगे वेरिएंट्स में मिलते हैं. सुरक्षा की बात करें तो कार के सभी वेरिएंट्स में दो एयरबैग्स दिए गए हैं और इसके टॉप मॉडल आरएक्सज़ैड के साथ अलग से साइड एयरबैग्स भी दिए गए हैं.
मुकाबला और कीमत
मुकाबले की बात करें तो ट्राइबर AMT की टक्कर में मारुति सुज़ुकी स्विफ्ट, ह्यून्दे ग्रैंड आई10 निऑस और संभवतः डैट्सन की गो प्लस जैसी हैचबैक बाज़ार में मौजूद हैं... स्विफ्ट एजीएस की शुरुआती कीमत रु 6.66 लाख है जो रु 8.02 लाख तक जाती है. इसके समान ही ह्यून्दे ग्रैंड आई10 निऑस पेट्रोल को भी AMT वेरिएंट्स में लॉन्च किया गया है जिसकी शुरुआती कीमत रु 6.45 लाख से लेकर रु 7.69 लाख तक जाती है. डैट्सन गो प्लस सीवीटी शायद ट्राइबर AMT का सबसे योग्य प्रतिद्वंदी है जिसकी कीमत रु 6.70 लाख से लेकर रु 6.90 लाख तक जाती है.
रेनॉ ने ट्राइबर के आरएक्सएल, आरएक्सटी और आरएक्सज़ैड वेरिएंट्स को AMT में पेश किया है जिनकी शुरुआती कीमत रु 6.25 लाख है जो रु 7.29 लाख तक जाती है. ट्राइबर AMT इसके मैन्युअल वेरिएंट के मुकाबले औसतन 40,000 रुपए महंगा है और जहां कीमत के इस अंतर को कम किया जा सकता था, वहीं ये बहुत बड़ा अंतर भी नहीं कहा जा सकता.
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फैसला
भारतीय बाज़ार को देखते हुए कहा जा सकता है कि ट्राइबर को लॉन्च के समय से ही AMT वेरिएंट में पेश किया जाना चाहिए था. ये AMT आरामदायक सफर के लिए अच्छी है, उन सभी फीचर्स के साथ आती है जो मैन्युअल वेरिएंट में दिए गए हैं और इसकी कीमत आपके बजट में भी समाती है. कीमत के लिहाज़ से देखा जाए जो ट्राइबर सब-4 मीटर आकार की है और 7 लोगों की बैठक के साथ आती है जो आपके मतलब की बात है. ये आपके लिए एक पैसा वसूल कार है अगर आपके परिवार में 4 सदस्य हैं और एक कुत्ता भी पाला हुआ है.