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अगले 7 वर्षों में भारत आने वाले हैं ह्यून्दे के 6 नए इलेक्ट्रिक मॉडल

भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता, ह्यून्दे मोटर अलग-अलग सेगमेंट में 6 इलेक्ट्रिक वाहन लाने के लिए लगभग रु. का 4000 करोड़ का निवेश करेगी.
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित दिसंबर 8, 2021

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Story

हाइलाइट्स

    ह्यून्दे के कई सारे इलेक्ट्रिक मॉडल आ रहे हैं. इनके लिए कंपनी कम कीमत और आकर्षक मूल्य पर ध्यान देगी और केवल फ्लैगशिप या तकनीक ही अहम भूमिका नहीं निभाएंगे. ह्यून्दे मोटर इंडिया ने भारत के लिए अपनी इलेक्ट्रिक वाहन रणनीति का खुलासा कर दिया है और यह काफी व्यापक दिख रही है. कंपनी 2028 तक भारत में 6 ईवी मॉडल लाएगी - और वे एसयूवी, सीयूवी या सेडान होंगे. ये सभी कारें स्थानीय रूप से बनाई या असेंबल की जाएंगी और सभी को विशेष रूप से भारतीय बाजार के लिए बनाया जाएगा. इन कारों को बनाने के लिए कुल निवेश लगभग रु. 4000 करोड़ का होगा.

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    6 में से 3 नई कारें कंपनी के ई-जीएमपी (इलेक्ट्रिक ग्लोबल मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म) पर बनाई जाएंगी.

    ह्यून्दे मोटर इंडिया के एमडी और सीईओ एस एस किम ने कहा, "जैसा कि हम मोबिलिटी स्पेस को फिर से परिभाषित करना जारी रखते हैं, आज हम अपने बीईवी (बैटरी ईवी) लाइन-अप के विस्तार की घोषणा के साथ भारतीय ग्राहकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दिखा रहे हैं. भारत में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने से, ह्यून्दे एक उज्जवल और बेहतर कल के परिवर्तन का आधार बन जाएगी."

    यह भी पढ़ें: ह्यून्दे ने दिसंबर में अपनी चुनिंदा कारों पर ₹ 50,000 तक ऑफर पेश किए

    6 नए मॉडल दो निर्माण रणनीतियों में से एक को अपनाएंगे. पहला ई-जीएमपी (इलेक्ट्रिक ग्लोबल मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म) के स्थानीय रुप का उपयोग करेगा - एक स्केटबोर्ड डिज़ाइन मॉड्यूलर प्रारूप जिसे ह्यून्दे मोटर ग्रुप (एचएमजी) ने पिछले साल विश्व स्तर पर दिखाया था. इस परिवार की पहली कार IONIQ 5 है, एक कार जिसका हमने विशेष रूप से कारएंडबाइक पर रिव्यू किया है. यह पहले ही 2022 जर्मन कार ऑफ द ईयर (GCOTY) पुरस्कार जीत चुकी है. ई-जीएमपी एक ऐसा ईवी प्लेटफॉर्म है जो विभिन्न ड्राइविंग रेंज के साथ अलग-अलग बॉडी स्टाइल और कारों के आकार की पेशकश करने की अनुमति देगा.

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    ह्नयून्दे कोना भारत में कंपनी की पहली इलेक्ट्रिक कार थी.

    दूसरी रणनीति में मौजूदा इंजन वाले वाहन प्लेटफार्मों पर ईवी बनाई जाएंगी (जैसे कि ह्यून्दे कोना इलेक्ट्रिक या किआ सोल ईवी). ह्यून्दे का कहना है कि दोनो रणनीतियों के बीच लगभग 50 प्रतिशत का विभाजन दिखेगा, जिसका अर्थ है कि आप ई-जीएमपी पर तीन कारों की उम्मीद कर सकते हैं जबकि शेष 3 मौजूदा प्लेटफार्मों का उपयोग करेंगे. इस दूसरे मार्ग का कारण लागतों को नियंत्रण में रखने की कोशिश करना है, क्योंकि कई प्लेटफॉर्म पहले से ही कई भारत में बने पार्ट्स इस्तेमाल करता है. इसका मतलब है कि ग्रैंड आई10/वेन्यू से लेकर क्रेटा/वर्ना या यहां तक ​​कि एलांट्रा/टूसॉन तक किसी भी कार को आधार बनाया जा सकता है.

    आने वाली कारों का लक्ष्य किफायती होना और कम से कम 350 किलोमीटर की ड्राइविंग रेंज पेश करना होगा. ई-जीएमपी पहले से ही आकार और सेगमेंट के आधार पर अधिकतम 800 किलोमीटर की रेंज  का दावा करता है. ह्यून्दे ने कहा है कि ये मॉडल भारत में बड़े पैमाने पर मास और प्रीमियम सेगमेंट को संबोधित करेंगे. कारों को कंपनी के मौजूदा चेन्नई प्लांट में बनाया जाएगा जहां 2023-24 तक इसकी पर्याप्त क्षमता है. अतिरिक्त क्षमता आवश्यकताओं को दो वर्षों के बाद ही संबोधित किया जाएगा. वर्तमान में, योजना किआ इंडिया (और इस बाजार के लिए अपनी संभावित ईवी योजनाओं) के साथ किसी भी संभावित तालमेल पर विचार नहीं करती है, और न ही भारत में समूह के लक्जरी कार ब्रांड जेनेसिस की अपेक्षित शुरूआत पर विचार करती है.

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    6 ईवी मॉडलों में एसयूवी, सीयूवी और सेडान शामिल होंगी.  

    ईवी को अपनाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन के मौजूदा स्तर को देखते हुए, ह्यून्दे अपने सबसे ईवी मॉडल की कीमत रु 10 लाख से नीचे जाने की उम्मीद नहीं कर रही है. ह्यून्दे में मार्केटिंग, सेल्स और सर्विस के निदेशक तरुण गर्ग ने कारएंडबाइक से कहा, "आइए हम आज कुछ बेंचमार्क लेते हैं, मान लीजिए क्रेटा. क्रेटा की औसत कीमत रु. 15 लाख है, इसलिए यह मान लेना कि हम इससे कम आ सकते हैं, शायद अभी बहुत मुश्किल है. भारतीय ग्राहक वास्तव में स्पेस, फीचर्स और यहां तक ​​कि रेंज के मामले में समझौता नहीं करना चाहते हैं. तो अगर हम 350 किमी की रेंज के बारे में बात कर रहे हैं तो मुझे नहीं लगता कि रु 10 लाख से सस्ते इलेक्ट्रिक वाहन के बारे में बात करना वास्तव में सही है."

    यह भी पढ़ें: 2022 ह्यून्दे क्रेटा फेसलिफ्ट ने वैश्विक शुरुआत की, मिले पहले से ज़्यादा फीचर

    कई बाजारों के विपरीत, भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मजबूत प्रोत्साहन नहीं हैं जिससे ईवी मॉडल की कीमतों को पेट्रोल या डीजल वाहनों के करीब लाने में मदद मिले. गर्ग ने कहा, “इसके लिए सरकार से कुछ प्रोत्साहन की भी आवश्यकता है. भारत में, यह एक आदर्श स्थिति होती, लेकिन हमें लगता है कि हमें अभी भी इलेक्ट्रिक वाहनों को किफायती बनाना है. सामग्री की लागत अभी भी अधिक है, इसलिए इसके बारे में बहुत सारे अगर और लेकिन हैं. ”

    ह्यून्दे का कहना है कि वह मौजूदा और नए साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेगी ताकि इन कारों को बनाने के लिए आवश्यक पार्ट्स कम कीमत में मिल सकें. इसके अलावा वह चार्जिंग ढांचा बढ़ाने पर काम करना जारी रखेगी ताकि ग्राहरों के बीच ईवी को आसानी से अपनाया जा सके. ह्यून्दे मोटर समूह की योजना 2025 तक दुनिया में 23 ईवी मॉडल लॉन्च करने और 10 लाख ईवी बेचने की है. उसकी भारत योजना इस बड़े मिशन में योगदान देगी.

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