सुप्रीम कोर्ट ने इथेनॉल-ब्लेंड पेट्रोल के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की

20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) का विरोध करने वाली एक जनहित याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया, जिसमें गन्ना किसानों के लिए इस ईंधन के लाभों पर ध्यान दिलाया गया.
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द्वारा ऋषभ परमार

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प्रकाशित सितंबर 1, 2025

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Story

हाइलाइट्स

  • सुप्रीम कोर्ट ने इथेनॉल-ब्लेंड पेट्रोल (E20) को लागू करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया
  • याचिका में कहा गया था कि 2023 से पहले भारत में बने वाहनों में इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता
  • सरकार ने तथ्य दिया है कि E20 ईंधन से गन्ना किसान को सीधा फायदा पहुंचता है और यह सभी वाहनों के लिए सुरक्षित है

सुप्रीम कोर्ट ने 20 प्रतिशत इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल (E20) को लागू करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया. भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने यह आदेश तब दिया जब केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि E20 ईंधन गन्ना किसानों के लिए फ़ायदेमंद है. बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र ने याचिकाकर्ता, अधिवक्ता अक्षय मल्होत्रा, की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया.

 

यह भी पढ़ें: E20 ईंधन का उपयोग करने वाले नॉन-E20 कंप्लायंट पुराने वाहनों की वारंटी पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव

 

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने दावा किया कि अप्रैल 2023 से पहले भारत में बने वाहनों में इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. यहाँ तक कि दो साल तक पुराने और बीएस-6 मानकों का पालन करने वाले वाहन भी 20 प्रतिशत इथेनॉल युक्त पेट्रोल के साथ संगत नहीं हैं.

 

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शादान फरासत ने तर्क दिया कि ग्राहकों को E20 के अलावा अन्य ईंधन चुनने का विकल्प दिया जाना चाहिए. वरिष्ठ अधिवक्ता के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, "हमें विकल्प दिया जाना चाहिए कि हम क्या चाहते हैं. हम E20 के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कम से कम सप्लाई करने वाले लोगों को यह बताना चाहिए कि ऐसा है. कुछ वाहन इसके अनुरूप नहीं हैं. केवल अप्रैल 2023 के बाद आए वाहन ही E20 को बर्दाश्त कर सकते हैं."

E20 fuel

यद्यपि उन्होंने स्वीकार किया कि E20 ईंधन बदलाव के रूप में एक तार्किक प्रगति है, लेकिन आज अधिकांश वाहन इसके अनुकूल नहीं हैं. उन्होंने कहा, "E20 एक तार्किक प्रगति है, लेकिन कारों को इंजन कैलिब्रेशन के साथ-साथ इसके अनुकूल भी बनाना होगा. मौजूदा ग्राहकों के लिए E10 पेट्रोल की अनुपलब्धता हमारे लिए एक चुनौती है. हम विकल्प चाहते हैं. हम नहीं चाहते कि E20 जाए."

Ethanol fuel issues carandbike bike edited 1

केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया, "यह याचिकाकर्ता एक अंग्रेज़ है. कोई बाहर वाला तय करेगा कि कौन सा पेट्रोल इस्तेमाल करना है. गन्ना किसानों को इससे फ़ायदा हो रहा है. अब वे हमें मना कर रहे हैं."

 

गौरतलब है कि हाल ही में कुछ बड़े वाहन निर्माताओं ने E20 पेट्रोल को लेकर पुराने वाहनों की वारंटी और इंश्योरेंस संबंधी परेशानी को दूर करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के यह स्पष्ट किया था कि, पुराने वाहन जो E20 कंप्लायंट नहीं भी हैं, उनमें भी E20 ईंधन के इस्तेमाल से कोई फर्क नहीं पड़ेगा न ही उनकी वारंटी और इंश्योरेंस पर कोई प्रभाव पड़ने वाला है.

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