नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत आयात की गई कारों पर विनफास्ट को नहीं मिलेगा टैक्स में फायदा

हाइलाइट्स
- विनफास्ट इस साल के अंत में भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए कमर कस रही है
- इसने पहले ही भारत में रु.4,000 करोड़ के निवेश की घोषणा कर दी है
- ब्रांड द्वारा बाद में भारत में अपने प्रमुख मॉडलों को आयात किए जाने की संभावना है
केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई नई ईवी नीति दिशा-निर्देशों का उद्देश्य विदेशी कार निर्माताओं को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करना है ताकि वे कम टैक्स दरों के लिए पात्र हो सकें. वर्तमान में आयात शुल्क जो 100% से अधिक है, को घटाकर 15% कर दिया जाएगा यदि निर्माता कुछ शर्तों को पूरा करते हैं. इसमें अगले 3 वर्षों में कम से कम 500 मिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग रु.4,150 करोड़) का निवेश करके भारत में ईवी प्रोडक्शन प्लांट लगाना शामिल है.

विनफास्ट इस वर्ष के अंत में VF6 और VF7 के साथ भारत में अपनी यात्रा शुरू करेगी
भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के अनुसार, स्कोडा-फोक्सवैगन, ह्यून्दे-किआ और मर्सिडीज-बेंज सहित कई कार निर्माताओं ने नीति के तहत निवेश करने में रुचि दिखाई है. हालांकि, चूंकि निर्माताओं को पहले नीति के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा और फिर निवेश करना शुरू करना होगा, इसलिए विनफास्ट जैसे ब्रांड, जिन्होंने पहले से ही एक निश्चित राशि का निवेश किया है, देश में कारों के आयात के दौरान कम शुल्क का लाभ उठाने से चूक सकते हैं, जब तक कि वे फिर से उक्त राशि का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध न हों.
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नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, 35,000 अमेरिकी डॉलर (करीब रु.30 लाख) या उससे ज़्यादा लागत बीमा और माल ढुलाई मूल्यांकन वाले विदेशी कार निर्माताओं द्वारा आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों पर 15 प्रतिशत की कम उत्पाद शुल्क लगेगा - जो मौजूदा 110 प्रतिशत से कम है. कार निर्माताओं को कम आयात शुल्क पर या पूर्व निर्धारित मौद्रिक सीमा पूरी होने तक, जो भी पहले हो, 5 साल की अवधि के लिए सालाना 8,000 यूनिट तक ही आयात करने की अनुमति होगी. मौद्रिक सीमा स्थानीय परिचालन शुरू करने में निवेश की गई राशि (न्यूनतम रु.4,150 करोड़ ) या अधिकतम रु.6,484 करोड़ का छोड़ा गया शुल्क, जो भी कम हो, में से कम राशि है.

विनफास्ट VF8 को बाद में भारत में आयात किए जाने की संभावना है
2024 में, तत्कालीन प्रस्तावित नई ईवी नीति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, विनफास्ट इंडिया के सीईओ फाम सान चौ ने कहा था, "हम भारत सरकार की नई ईवी योजना को बहुत महत्व देते हैं क्योंकि इसका उद्देश्य प्रोडक्शन में बड़े निवेश को बढ़ावा देना, दक्षता और कौशल का निर्माण करना, एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करना और उपभोक्ताओं को विश्व स्तरीय, शून्य टेलपाइप उत्सर्जन वाहन देना है. भारत में लंबे समय तक विकास प्रतिबद्धता के साथ, हमने 500 मिलियन डॉलर का व्यय करने का संकल्प लिया है, जिसमें तमिलनाडु में इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण सुविधा भी शामिल है."

ब्रांड ने भारत में अपना विनिर्माण संयंत्र तमिलनाडु में स्थापित किया है
2024 में, वियतनामी इलेक्ट्रिक कार ब्रांड ने तमिलनाडु में एक नई इलेक्ट्रिक वाहन फैक्ट्री के लिए नींव रखी. कंपनी ने अगले कुछ वर्षों में भारत में अपने प्रोडक्शन कार्यों के लिए रु.4,000 करोड़ निवेश करने की योजना बनाई है. ब्रांड इस साल के अंत में VF6 और VF7 मिड-साइज़ SUV के साथ भारत में बिक्री शुरू करेगा और उसके बाद देश में अपने प्रमुख मॉडलों का आयात शुरू करने की संभावना है.