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कोरोना की मार: सर्वे के मुताबिक लोगों की पहली पसंद होगी ख़ुद की कार

स्वच्छता और सामाजिक दूरी की चिंता ग्राहकों को सार्वजनिक परिवहन को छोड़ व्यक्तिगत वाहनों को खरीदने की तरफ ले जाएगी.
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द्वारा कारएंडबाइक-टीम

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प्रकाशित मई 14, 2020

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हाइलाइट्स

    अगर हम कोरोनावायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों की बात करें तो भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग का नाम काफी ऊपर आएगा. देश भर में लॉकडाइन अब लगभग 2 महीने से चल रहा है, और इस अवधि में बहुत कम नए वाहन बिक पाए हैं. लेकिन ऑटो सेक्टर पर महामारी के प्रभाव पर कारएंडबाइक द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, अब वक़्त बदलने वाला है. इसके मुताबिक स्वच्छता और सामाजिक दूरी जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए लोग सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल से बचेंगे और इसका सीधा मललब यह है कि पहले से ज़्यादा लोग अब ख़ुद की गाड़ी चलाना पसंद करेंगे.

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    भारतीय कार कंपनियों द्वारा बेची जा रही पुरानी कारें अधिक खरीदारों को आकर्षित कर सकती है.

    आबादी के हिसाब से भारत दुनिया उन देशों में आता है जहां सबसे कम कारें हैं, मतलब हर 1,000 लोगों पर सिर्फ 23 कारें. सर्वेक्षण के अनुसार लॉकडाउन खुलने के बाद हम चीन की तरह एक वी-आकार की बढ़ोतरी देख सकते हैं, जिसमें पहली बार के खरीदार काफी होंगे. सर्वे आगे कहता है कि आने वाले समय में निजी कारों की बिक्री में 15% की वृद्धि होने की संभावना है और जिनके घरों की मासिक आय रु 60,000 से रु 1,20,000 के बीच है वह इस बारे में ज़्यादा सोच रहे हैं. इसके विपरीत सर्वे से यह भी पता चलता है कि बाकी सभी चीजों का उपयोग कम हो जाएगा जिसमें 2-वीलर, कैब, बस और मेट्रो शामिल हैं. 35 वर्ष से अधिक आयु के लोगों ने निजी कार का उपयोग करने की तरफ अधिक झुकाव दिखाया.

    यह भी पढ़ें: कोरोनावायरस लॉकडाउन के बाद सेकेंड हेंड कार बाजार में आ सकती है तेज़ी

    इसका बड़ा फीयदा पहले से इस्तेमाल की गयी कार सेगमेंट हो सकता है, क्योंकि कई लोग नई कारों को ख़रीदने में सक्षम नहीं होंगे. इसमें भी भारतीय कार कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे पुरानी कार व्यवसाय अधिक खरीदारों को आकर्षित कर सकते हैं. ह्यूंदैई मोटर इंडिया के सेल्स, मार्केटिंग और सर्विस निदेशक तरुण गर्ग के अनुसार, "पुरानी कार व्यवसाय में बिक्री में वृद्धि देखी जा सकती है क्योंकि स्वास्थ्य और स्वच्छता के मुद्दों के कारण व्यक्तिगत परिवहन के लिए प्राथमिकता बढ़ सकती है. सोशल डिस्टेंसिंग भी ग्राहकों को क्वॉलिटी से समझौता किए बिना पुरानी कारों के लिए बजटीय विकल्पों के बारे मे बताएगा. कारें वारंटी और आरएसए के साथ हैं, जो ग्राहक को मानसिक शांति प्रदान करेगी."

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    सर्वे में 1,000 से अधिक ग्राहक और नई और पुरानी कारों के 100 से ऊपर डीलर शामिल थे.

    यह कारएंडबाइक सर्वेक्षण अप्रैल के महीने में आयोजित किया गया था और भाग लेने वालों में 1,000 से अधिक ग्राहक और नई और पुरानी कारों के 100 से ज़्यादा डीलर शामिल थे. 9 शहरों यह सर्वे किया गया जिसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, पुणे, कोलकाता, हैदराबाद, जयपुर और इंदौर शामिल थे.

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    Last Updated on May 14, 2020


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